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Homepoemअगर चांद मर जाता

अगर चांद मर जाता

खोजते सौन्दर्य नया?
देखते क्या दुनिया को?
रहते क्या, रहते हैं
जैसे मनुष्य सब?
क्या करते कविगण तब?

प्रेमियों का नया मान
उनका तन-मन होता
अथवा टकराते रहते वे सदा
चांद’ से, तारों से, चातक से, चकोर से
कमल से, सागर से, सरिता से
सबसे
क्या करते कविगण तब?
आंसुओं में बूड़-बूड़
सांसों में उड़-उड़कर
मनमानी कर- धर के
क्या करते कविगण तब
अगर चाँद मर जाता
झर जाते तारे सब
क्या करते कविगण तब?

त्रिलोचन
हिन्दी सोनेट के साधक। प्रमुख कृतियां : ताप के ताए हुए दिन, धरती, गुलाब और बुलबुल।

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