एक एकड़ क्षेत्रफल में बना है सैकड़ों साल पुराना राम दरबार का मंदिर
सैकड़ों साल पुराने मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर तैयारियां शुरू
हमीरपुर : जिले में सदियों पुराने एक मंदिर की दीवालों में सम्पूर्ण महाभारत और श्रीकृष्ण लीला के प्रसंग चित्रित है। इस मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर तैयारियां अब शुरू कर दी गई है। पूरे मंदिर को रंग रोशन कर चमकाया जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की रात पूरे गांव के लोगों की भीड़ जुटती है साथ ही मंगला आरती में महिलाएं और पुरुष शामिल होते है। मंदिर में जन्माष्टमी से लेकर छह दिनों तक रंगारंग कार्यक्रमों की धूम मचेगी।
मौदहा क्षेत्र के खंडेह गांव ब्रिटिश हुकूमत में प्रशासनिक व्यवस्था के लिए परगना बनाया गया था। सरकारी जिला गजेटियर में भी इस गांव का जिक्र है। वर्ष 1878 में खंडेह गांव नाना गोविन्द राव ने ब्रिटिश हुकूमत के हवाले किया था। पुरातन इतिहास में यह गांव पूर्व मुगल सल्तनत व आर्यों के जमाने में भी अस्तित्व में रहा है। इस गांव में काफी बड़े क्षेत्रफल में रामजानकी मंदिर बना है। मंदिर में ही अष्टधातु की राम जानकी व लक्ष्मण की भव्य मूर्तियां विराजमान है वहीं एक हिस्से में राधा श्रीकृष्ण की नयनाभिराम मूर्तियां विराजमान है।
मंदिर की देखरेख करने वाले सर्वराहकार प्रद्युम कुमार दुबे उर्फ लालू ने बताया कि इस पूरे मंदिर में नक्काशी बेमिसाल है। देवी देवताओं की मूर्तियों को बड़े ही अद्भुत तरीके सेतराशा गया है। उन्हाेंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। गांव के लोग सामूहिक रूप से जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल होते है। मंगला आरती के बाद अगले दिन रामचरित मानस का अर्थ सहित सम्पूर्ण पाठ का आयोजन शुरू होगा जो लगातार 31 अगस्त तक चलेगा। समापन के दिन ही श्रीकृष्ण की छठी उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। रात में भक्ति मय संगीत संध्या कार्यक्रम होगा। इसके लिए लखनऊ से कलाकारों को बुलाया गया है।
मंदिर की दीवालों में महाभारत और श्रीकृष्ण लीला के चित्रित है प्रसंग
प्रद्युम दुबे उर्फ लालू व मंदिर के पुजारी राकेश बाजपेई ने बताया कि मंदिर के ग्रेनाइट पत्थर पर सम्पूर्ण महाभारत और श्रीकृष्ण लीला के प्रसंग चित्रित है। साथ ही रामकथा के प्रसंग भी चित्रित है। पुजारी ने बताया कि संगमरमर व ग्रेनाइट पत्थरों पर शिल्प और कला की नक्काशी बेमिसाल है। तमाम तरह के पत्थरों को मिलाकर पूरे मंदिर में निर्माण के दौरान इस तरह से सेट किए गए है किपत्थरों के जोड़ समझ से परे है। यह मंदिर एक एकड़ क्षेत्रफल में बना है। पूरा मंदिर एक ही पत्थर से बना नजर आता है।
सदियों पुराने मंदिर को चमकाने में अब पर्यटन डिपार्टमेंट ने डेरा डाला
सदियों पुराने मंदिर को चमकाने के लिए अब पर्यटन डिपार्टमेंट ने खंडेह गांव में डेरा डाला है। मंदिर के प्रमुख प्रद्युम दुबे ने बताया कि सीएम पर्यटन संवर्धन योजना के तहत पचास लाख रुपये की मंजूरी दी गई थी लेकिन सिर्फ इकतीस लाख रुपये ही रिलीज हुए। इस धनराशि से दोनों पुराने मंदिरों निर्माण कराए गए है। बताया कि शासन से मंदिर को संवारने के लिए 86 लाख रुपये मिले है। अब पर्यटन विभाग यहां कार्य करा रहा है। अभी तक पार्क सहित सत्तर फीसदी निर्माण कार्य कराए जा चुके हैं।