BHADOHI : टीका लगवाने का फायदा और न लगवाने का नुकसान समझाएः जिलाधिकारी

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जिलाधिकारी ने ड्रापआउट बच्चों के टीकाकरण के लिए ब्लॉक रिस्पांस टीम संग की बैठक

कोटेदार, लेखपाल, ग्राम प्रधान व आशा द्वारा संबंधित परिवार को जागरूक करने पर बल

सत्येंद्र द्विवेदी
भदोही : शून्य से दो वर्ष के बच्चों को 11 जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए जागरुकता फैलाने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी गौरांग राठी ने ब्लाक रिस्पांस टीम की बैठक में कहा कि यदि कोई परिवार टीका लगवाने से इंकार करता है तो उसे पूरी तन्मयता से समझाया जाए और टीका लगवाने का फायदा और न लगवाने का नुकसान समझाया जाए।
कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में सीएमओ डॉ. संतोष कुमार चक के निर्देशन में यूनिसेफ की मंडलीय समन्वयक सरोज राणा व हरेंद्र ने बताया कि परिवार की झिझक/ इंकार के कारण टीकाकरण से छूटे सूचीबद्ध बच्चों को मोबिलाइजेशन के लिए संस्थागत तंत्र -ब्लॉक रिस्पांस टीम, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, आशा टीकाकरणकर्मी संगिनी, स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों के विविध घटकों – लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत सचिव, अध्यापक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ती, कोटेदार, प्रधान, सदस्य ग्राम पंचायत, समाजसेवियों द्वारा टीकाकरण के लिए जागरूक करने पर बल दिए जाने की अपेक्षा का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया।
उन्होंने बताया कि अभिमुखीकरण की योजना के तहत जनपद स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर, शहरी क्षेत्र में अर्बन कोआर्डिनेटर, स्वास्थ शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक स्तर पर समुदाय आधारित कार्ययोजना पर बल दिया गया।
बैठक में बिल्कुल भी टीकाकरण न होने वाले लिफ्ट आउट व एक दो टीका लगवाने वाले ड्रॉपआउट बच्चों को सभी टीकाकरण लगवाने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा परिवार को जागरूक करने पर बल दिया गया। यूनिसेफ प्रभारी ने बताया कि टीकाकरण की योजना के अंतर्गत आशा एवं टीकाकरण कर्मी द्वारा प्रदत्त सूची को बीपीएम द्वारा सत्रवार तैयार किया जाए। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी टीकाकरण से मना करने वाले परिवारों के आच्छादन की कार्ययोजना ब्लॉक स्तर पर बीडीओ, एडीओ (पंचायत), बीईओ, सीडीपीओ व तहसील स्तर पर एसडीएम, एडीएम कार्यालय में भी उपलब्ध कराएं ताकि इस कार्य योजना के अनुसार संबंधित विभाग के ग्राम स्तरीय कर्मचारियों का सक्रिय सहयोग लिया जा सके।
इस अभियान में गांव में कार्यरत आशा का दायित्व होगा कि वह टीकाकरण के स्थान वाले दिन इन परिवारों का एक बार भ्रमण कर टीकाकरण किए गए बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी अवश्य लें और प्रतिकूल प्रभाव जैसे बुखार, दर्द और सूजन के कारण परिवार में उत्पन्न हो रहे संशय का समाधान अवश्य करे। ब्लॉक रिस्पांस टीम द्वारा टीका लगवाने के लिए अपेक्षित बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया गया।