बांदा : जिला चिकित्सालय में बने मोर्चरी में रखे जाने वाले शव भी अब सुरक्षित नहीं है। चोर उचक्के डेड बॉडी के जेवरात भी गायब करने में हिचकिचाते नहीं है। इस तरह का गंभीर मामला शनिवार को उस समय प्रकाश में आया। जब मोर्चरी में रखी एक छात्रा की डेड बॉडी से नाक और कान के सोने के जेवरात गायब मिले। यह जानकारी मिलते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की और पूछताछ के लिए एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉक्टर आरके गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को सड़क दुर्घटना में चिल्ला थाना क्षेत्र के दिघवट गांव की रहने वाली छात्रा खुशी यादव(17) की मौत हो गई थी। डेड बॉडी उनके परिजनों के सामने ही अस्पताल से 500 मीटर दूरी पर बने मोर्चरी में रखवा दिया गया था। आज जब शव का पंचनामा करने के लिए बाहर निकाला गया तो मौके पर मौजूद परिजन उस समय हैरान रह गए। जब नाक और कान में पहने हुए जेवर गायब मिले। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में कोतवाली से आई एक एसआई ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है। उन्होंने उस वार्ड बॉय से भी पूछताछ की है, जिसने डेड बॉडी को मोर्चरी में रखवाया था।
सीएमएस ने यह भी बताया कि मर्चरी की चाॅभी जिला अस्पताल के कर्मचारी के पास रहती है। वह चाॅभी किसी को नहीं दी जाती। पुलिस के सामने डेड बॉडी रखी जाती है और पुलिस के आने पर ही मोर्चरी खोलकर डेड बॉडी बाहर निकाली जाती है। लेकिन जब परिजनों ने डेड बॉडी से जेवरात गायब होने के आरोप लगाए। तब इमरजेंसी से एक डॉक्टर ने पहुंचकर वहां देखा तो मोर्चरी में लगी खिड़की की जाली टूटी पड़ी थी और फ्रेम अंदर की तरफ पड़ा था। जिससे इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि किसी बाहरी तत्व ने पीछे की खिड़की तोड़कर अंदर पहुंचकर इस घटना को अंजाम दिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। अगर इस मामले में अस्पताल का कोई कर्मचारी संलिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।