आयुष मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की पहली बैठक
नई दिल्ली : (New Delhi) आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव (AYUSH Minister Prataprao Jadhav) की अध्यक्षता में मंगलवार को आयुष मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की पहली बैठक हुई। बैठक में लोकसभा व राज्यसभा के विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने इसमें भाग लिया। इस मौके पर प्रतापराव जाधव ने बताया कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के (Prime Minister Narendra Modi) नेतृत्व में मंत्रालय के स्वतंत्र होने के बाद पहली बार अलग संसदीय सलाहकार समिति गठित हुई है। यह पहल आयुष से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा और बेहतर नीति-निर्माण में सहायक होगी।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और राष्ट्रीय आयुष मिशन (Ayushman Arogya Mandirs and National AYUSH Mission) से लाखों लोगों को सेवाएं मिल रही हैं। आयुष उद्योग 200 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 में विशाखाप्टनम में 3 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी से योग के वैश्विक महत्व का प्रदर्शन हुआ। बैठक में सांसदों ने सुझाव दिए कि आयुष के बारे में जन-जागरूकता अभियान चलाए जाएं, गांव और ज़िला स्तर के वैद्यों के योगदान को मान्यता दी जाए, नए आयुष वेलनेस केंद्र स्थापित हों और जनजातीय परंपरागत उपचार पद्धतियों को दस्तावेज़ीकरण कर आयुष में शामिल किया जाए।
बैठक में सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी (MP Dr. Laxmikant Bajpai) ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान आयुर्वेद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संभवतः अनेक लोगों की जान बचाई। उन्होंने आयुष वेलनेस केंद्रों (AYUSH wellness centers)की स्थापना करने की सिफारिश की ताकि पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और विस्तृत हो सके। छत्तीसगढ़ की कोरबा जनजाति का उल्लेख करतेहुए ज्योत्सना चरणदास महंत ने उनकी पारंपरिक उपचार पद्धतियों को व्यवस्थित रूप से दर्ज करने और इन जानकारियों को आयुष में एकीकृत करने का सुझाव दिया।
बैठक में डॉ स्वामी सचिदानंद हरि साक्षी, धर्मशिला गुप्ता, पुरुषोत्तम रुपाला, अष्टिकर पाटिल नागेश बापुराव, ज्योतिर्मय सिंह महतो, बाबुभाई जेसंगभाई देसाई और कृष्ण प्रसाद तेननेटी शामिल हुए।