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India Ground Report

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें मार्कंडेय राय ‘नीरव’ की कविता तुम्हारा आना

तुम ये न कहना कितुम इसलिये नहीं आई क्योंकितुम आना नहीं चाहती थी तुम ये कहना कि तुम आ नहीं पाईक्योंकि रास्तों ने तुम्हें रास्ता...

रोजाना एक कविता : आज बिहार दिवस के अवसर पढ़िए कवि अरुणाभ सौरभ की दिल को छू लेने वाली मार्मिक कविता वो स्साला बिहारी

अबे तेरी…और कॉलर पकड़तीन-चारजड़ दिए जाते हैंमुँह परइतने से नहीं तोबिहारी मादर…चोर, चीलड़, पॉकेटमारभौंसड़ी के…सुबह हो गईचाय लातेरी भैण कीझाड़ू-पोंछातेरी माँ लगाएगी?जब भी मैंअपने...

सच्चाई की जीत

एक गांव था जिसका नाम मायापुर था। और गांव की सुंदरता का तो कुछ कहना ही नहीं था। क्योंकि उस गांव के किनारे ही...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें हेमन्त देवलेकर की कविता प्रेम की अनिवार्यता

बहुत असंभव-से आविष्कार किए प्रेम नेऔर अंततः हमें मनुष्य बनाया लेकिन अस्वीकार की गहरी पीड़ाउस प्रेम के हर उपकार काध्वंस करने पर तुली दिया जिसनेसब कुछ...

पीड़ाओं का अलंकरण

एक अनाम रास्ते पर चलते हुए आभास हुआ किस यात्रा में चल रहा हूँ नेत्रों ने आकाश का नील सोख लिया है देह के भीतर...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें सूरज सरस्वती शाण्डिल्य की कविता पीड़ाओं का अलंकरण

एक अनाम रास्ते पर चलते हुए आभास हुआ किस यात्रा में चल रहा हूँ कि ना थक रहा हूँ ना रुक रहा हूँ नेत्रों ने आकाश...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें अमित बृज की कविता मोहब्बत के रंग

कुछ फूलों केकुछ कांटों केकुछ ख्वाइशकुछ ख्याबों के…कुछ आंसू के,कुछ खुशबू के,कुछ भूली-बिसरी बातों के…यादों के गुलाल उड़ेंगे, आज तुम्हारे आँगन मेंजाने कितने रंग...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें आनंद कुमार द्विवेदी की कविता समय का माप

मैं प्रतीक्षा को समय से मापता हूँऔर समय को जीवन सेजीवन को मापता हूँ तुम्हारे साथ सेऔर तुम्हारा साथ … ?छोड़ोमैं फिर से प्रतीक्षा...

बदलाव की आंधी सिर्फ पंजाब में दिखी !

पांचों राज्यों में उम्मीद के अनुरूप ही रहे परिणाम, भाजपा ना जीती ना हारी पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में बदलाव की आंधी केवल पंजाब...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें अंकुश कुमार की कविता होंठों के जूते

एक दिन गले मिलने वालेहाथ मिलाते हैंऔर एक दिन सिर्फ़ मुस्कुराते हैंदूर से देखकरएक दिन ऐसा भी होता है किवे एक दूसरे को देखकरसकपका...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें प्रदीप कुमार शुक्ल की कविता रुपइया

कटाजुज्झु है भइया घर माकोउ नहीं सुनवइया घर मा जउनु रहैं सब लइगे काकायाकौ नहीं रुपइया घर मा हलेकान भोरहे ते अम्माकोउ नहीं करवइया घर मा बाहेर...

रोजाना एक कविता : आज पढ़ें प्रियंका दुबे की कविता होंठों के जूते

होंठ चूमने वालेप्रेमियों से भरे इस संसार में,तुमने हमेशापिछले दिन की थकन में डूबेमेरे सोते पैरों को चूम करसुबह जगाया है मुझे. “फुट फ़ेटिश है...

प्रेरक प्रसंग : ज्ञान की सार्थकता

डॉक्टर अल्बर्ट श्‍वाइट्जर अमेर‍िका में अपना आश्रम बनवा रहे थे, जहां उनकी योजना अपना ज्ञान और अनुभव युवाओं में बांटने की थी। आश्रम के...

लघुकथा: दार्शनिक और मोची

एक दार्शनिक फटे जूते लेकर एक मोची की दुकान पर आया और मोची से बोला, "जरा इनकी मरम्मत तो कर दो।"मोची ने कहा, "अभी...