Dhaka : शेख हसीना और दो करीबियों पर पहली जुलाई को तय होंगे आरोप

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ढाका : (Dhaka) बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) और उनके दो शीर्ष सहयोगियों के खिलाफ आज अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 (International Crimes Tribunal-1) (ICT-1) में आरोप नहीं तय हो सके। आईसीटी-1 ने कहा कि अब आरोप एक जुलाई को तय किए जाएंगे। शेख हसीना के अलावा पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून (former Home Minister Asaduzzaman Khan and former Inspector General of Police Chowdhury Abdullah Al-Mamun) के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे।

बांग्लादेश के द डेली स्टार अखबार की खबर के अनुसार आईसीटी-1 के जस्टिस मोहम्मद गोलाम मुर्तुजा मोजुमदार (Justice Mohammad Golam Murtuza Mozumdar) की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण पीठ ने आज आदेश पारित किया कि भगोड़े आरोपितों असदुज्जमां और हसीना के लिए भी बचाव पक्ष के वकील नियुक्त किए जाएंगे। अभियोजन पक्ष ने पहली जून को तीनों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, यातना और घातक हथियारों के इस्तेमाल के अलावा अन्य आरोप लगाते हुए औपचारिक आरोप लगाए थे। न्यायाधिकरण ने पहली जून को ही आरोपों पर संज्ञान लेते हुए आज की तारीख मुर्करर की थी।

अभियोजन पक्ष ने पहली जून को पीठ को बताया था कि शेख हसीना पांच अगस्त से भारत में हैं। असादुज्जमां भी वहीं छुपा हुआ है। पूर्व पुलिस प्रमुख मामून हिरासत में हैं। अभियोजन पक्ष ने उन्हें आज पीठ के समक्ष पेश किया। तीनों पर मानवता के विरुद्ध अपराध के पांच आरोप लगाए गए हैं।

पहला आरोपः निहत्थे छात्र प्रदर्शनकारियों पर कानून प्रवर्तन और अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा रोकने में विफल रहना। हिंसा करने वालों की सहायता करना। हत्या के लिए उकसाना। प्रदर्शनकारियों को यातना देना।

दूसरा आरोपः प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को दबाने के लिए घातक हथियारों (हेलीकॉप्टर और ड्रोन सहित) का उपयोग करने का आदेश देना।

तीसरा आरोपः अबू सईद की 16 जुलाई को साजिशन हत्या करवाना।

चौथा आरोपः पांच अगस्त को ढाका के चंखरपुल में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की हत्या करवाना।

पांचवां आरोपः पांच प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या करवाना। इसके बाद पांचों के शव को जलाने और एक अन्य प्रदर्शनकारी को जिंदा जलाने की कोशिश करना।

इसके अलावा आईसीटी-1 ने आज हसीना और 10 अन्य के खिलाफ कुछ लोगों को जबरन गायब किए जाने के मामले में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा 24 अगस्त तक बढ़ा दी। अभियोजन पक्ष ने दो महीने की मोहलत मांगी थी।