नई दिल्ली : (New Delhi) राज्यसभा में गुरुवार को भी पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध बना रहा। सत्ता पक्ष ने जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी (George Soros and Sonia Gandhi) के संबंधों पर चर्चा कराने की मांग की जबकि विपक्ष अडानी को लेकर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की। बैठक में हंगामे के बीच उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने सदन की कार्यवाही को पहले 2 बजे तक के लिए फिऱ बैठक शुरू होते ही हंगामे के चलते कल तक के लिए स्थगित कर दिया।
गुरुवार को उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति ने आज सूचीबद्ध संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट को संबंधित सदस्यों को पटल पर रखने को कहा। सभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत आज छह नोटिस मिले हैं, जिसमें कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी का हाइकोर्ट के न्यायाधीश की टिप्पणी का मुद्दा शामिल है। सभापति ने नियमों के तहत इन नोटिस को अस्वीकार करते हुए सदन के नेता जेपी नड्डा को शुरुआत करने को कहा।
नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेस कर के सभापति पर सवाल उठाए, ये बहुत आपत्तिजनक है। इसकी जितनी भर्त्सना की जाए वो कम है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि सभापति उन्हें मौका नहीं देते, पक्षपात करते हैं लेकिन सभापति ने उन्हें कई बार चैंबर में बुलाया है। प्रतिपक्ष सदन चलाने में और अन्य मामलों पर कितना गंभीर है इसी बात से पता चलता है कि वे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में नहीं आए। अविश्वास प्रस्ताव केवल सोरेस के मुद्दे से ध्यान भटकाने का एक तरीका है। कांग्रेस देश में अराजकता फैलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता अपने ट्विटर हैंडल पर राज्यसभा अध्यक्ष को राज्यसभा लीडर करके संबोधित करते हैं। कांग्रेस ने संवैधानिक पद की गरिमा को धूमिल करने का काम किया है। नड्डा ने कहा कि इससे पहले एक कांग्रेस नेता ने सभापति की मिमिक्री कर उन्हें अपमानित करने का काम किया है। इसे देश की जनता माफ नहीं करेगी।
जेपी नड्डा ने हंगामे के बीच दोहराया कि कांग्रेस को देश को बताना चाहिए कि सोनिया गांधी का जॉर्ज सोरोस से क्या संबंध है। ये देश की आम जनता जानना चाहती है। जो आदमी देश को अस्थिर करने के लिए पैसा देता है और उसकी कठपुतली बन के कांग्रेस आवाज उठाती है। देश को भटकाने के लिए आपको माफी नहीं मिलेगी। उन्होंने सदन में निंदा प्रस्ताव लाने की बात कही ।
इसके बाद सदन में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जेपी नड्डा के सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष असल मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि सदन में उनको जगदीप धनखड़ बोलने का मौका नहीं देते, माइक बंद कर देते हैं। भाजपा सांसदों और मंत्रियों को ही मौका देते हैं। दोनों पक्ष की तरफ से जोरदार हंगामा होने के बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दो बजे दोबारा उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों पक्षों की तरफ से नारे बाजी होने लगी। उच्च सदन के सदस्य सीट से खड़े होकर नारे बाजी करने लगे। इस बीच सभापति ने वरिष्ठ सदस्य एचडी देवेगौड़ा को बोलने का मौका दिया।
एचडी देवेगौड़ा ने संसद की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सभापति धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों का बचाव किया और विपक्ष से संसद की गरिमा बनाए रखने और कार्यवाही में बाधा ना डालने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इतिहास में यह पहला मौका है जब सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को नष्ट करने वाला है।
इस दौरान सदन में भारी हंगामा चलता रहा है। कांग्रेस ने अडाणी और सरकार के रिश्ते पर जवाब मांगा, तो भाजपा ने जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी के बीच रिश्ते पर जवाब मांगा, टीएमसी ने सरकार से बांग्लादेश पर जवाब मांगा और नारेबाजी की।
हंगामे के बीच सभापति को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने नियम 238 ए के तहत प्वाइंट ऑफ आर्डर नोटिस दिया। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही सही तरह से नहीं चलाई जा रही है। इस पर सभापति ने पूछा यह नोटिस किस विषय पर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने इसके लिए कोई वजह नहीं बताई है, जिसके बाद सभापति ने कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।