–हाईकोर्ट ने नौ बिंदुओं पर जारी किए निर्देश
–कहा, बार एसोसिएशन करे निगरानी
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव में अराजकता को देखते हुए हाईकोर्ट सहित उत्तर प्रदेश की सभी बार एसोसिएशनों के चुनाव में पोस्टर, बैनर सहित चुनाव प्रचार की सभी सामग्रियों (इलेक्ट्रानिक रूम में भी) पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कहा है कि वह इस सम्बंध में आठ बिंदुओं पर दिशा निर्देश जारी कर रही है। इसका पालन किया जाएगा। अगर प्रत्याशी इसका पालन नहीं करता है तो उसके लिए उसे बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की ओर से दंडित किया जाएगा और अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने अमित कुमार निगम व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट द्वारा जारी नौ बिंदुओं पर निम्र दिशा निर्देश जारी किया गया है।
1) कोई भी उम्मीदवार या उसका समर्थक सिविल कोर्ट, इलाहाबाद (प्रयागराज) और यूपी के अन्य सभी न्यायालयों या शहर में कहीं भी सहित उच्च न्यायालय परिसर के भीतर कोई पोस्टर, हैंडबिल, फोटो या अन्य चुनाव सामग्री नहीं लगाएगा/चिपकाएगा।
2) किसी भी उम्मीदवार या उसके समर्थक द्वारा न्यायालय या परिसर के गलियारे में जुलूस नहीं निकालेगा। प्रचार के उद्देश्य से नारेबाजी या ऊंची आवाज में कुछ बोलेगा नहीं, जिससे न्यायालय के कामकाज में बाधा उत्पन्न हो।
3) किसी भी उम्मीदवार या बार के सदस्य द्वारा चुनाव प्रक्रिया में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग नहीं कर सकेगा।
4) उम्मीदवार या उनके समर्थक संबंधित बार एसोसिएशन के चुनाव समाप्त होने तक गरिमा और पेशे को बनाए रखने के लिए किसी भी कारण से दोपहर के भोजन, रात्रिभोज आदि या सार्वजनिक स्थान पर किसी भी प्रकार की पार्टियों से परहेज करेगा।
5) किसी भी उम्मीदवार को प्रचार के दौरान किसी भी तरह से न्यायालयों के कामकाज में बाधा डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
6) किसी भी उम्मीदवार को अदालत परिसर के भीतर प्रचार करने या मतदाताओं से आग्रह करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक या अन्य उपकरणों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
7) यूपी में अदालत परिसर के भीतर कहीं भी बैनर, कटआउट और पोस्टर या अदालत परिसर के बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उम्मीदवारों को एक सप्ताह के भीतर स्वेच्छा से ऐसी प्रचार सामग्री हटानी होगी।
8) आचरण नियमों के किसी भी उल्लंघन में शामिल अधिवक्ता को राज्य बार काउंसिल द्वारा दंडित किया जाएगा और अदालत की अवमानना के लिए भी दोषी ठहराया जाएगा।
9) चुनाव में मतदान उन्हीं अधिवक्ताओं को करने दिया जाएगा, जिनके पास सीओपी कार्ड/बार एसोसिएशन सदस्यता कार्ड/बार काउंसिल पहचान पत्र होगा। तीनों कार्ड पर ही चुनाव की तारीख पर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।