वाराणसी : (Varanasi) आईआईटी-बीएचयू की छात्रा के साथ दुष्कर्म के दो आरोपितों कुणाल पांडेय और आनंद उर्फ अभिषेक चौहान को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा कर दिया गया है। इस मामले में तीसरे आरोपित सक्षम पटेल को अभी जमानत नहीं मिली है। दो आरोपितों को जमानत मिलने पर शनिवार को समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल ने एक्स पोस्ट में राज्य सरकार पर जमकर तंज कसा।
तीनों आरोपितों की फोटो शेयर कर सपा ने लिखा है कि देखा, कैसे मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर अभियोजन की लचर पैरवी के कारण गैंगरेप के आरोपित चुपचाप रिहा हो रहे हैं। यही है योगी और उनकी भाजपा सरकार की सच्चाई और उसका चेहरा। यही है योगी और भाजपा की असलियत, बलात्कारी यदि मुख्यमंत्री योगी/भाजपा के खास हैं तो उन्हें बचाती है योगी सरकार। सत्ता के दुरुपयोग का ऐसा घिनौना चेहरा कभी देखा है।
उधर, आईआईटी बीएचयू में छात्रा के साथ दुष्कर्म के आरोपित जेल से छूटकर घर पहुंचे तो उनका माला पहना कर स्वागत किया गया। इसको लेकर भी सोशल मीडिया में लोग तल्ख टिप्पणी कर रहे हैं। तीनों आरोपित भाजपा के आईटी सेल से जुड़े थे। जेल से कुणाल की 24 अगस्त और आनंद चौहान की 29 अगस्त को रिहाई हुई। तीनों आरोपितों को 31 दिसंबर 2023 को लंका पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने 17 जनवरी 2024 को गैंगरेप की चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया।
एक नवंबर 2024 की रात आईआईटी-बीएचयू के मैथमेटिकल इंजीनियरिंग विभाग में बीटेक की छात्रा न्यू गर्ल्स हॉस्टल से रात 1.30 बजे बाहर घूमने के लिए निकली थी। वह परिसर में गांधी स्मृति छात्रावास चौराहे पर पहुंची तो वहां उसका दोस्त मिल गया। दोनों कर्मन वीर बाबा मंदिर के पास पहुंचे ही थे कि पीछे से बुलेट सवार तीन युवक आए और छात्रा एवं उसके दोस्त को रोका। कुछ देर बाद दोस्त को मारपीट कर वहां से भगा दिया। बुलेट सवार तीनों युवकों ने बंदूक दिखाकर छात्रा के कपड़े उतरवाए। उन्होंने छात्रा को किस किया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया फिर उसका वीडियो भी बनाया।