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Varanasi : बॉडी मास इंडेक्स से अब क्षय रोगियों में उच्च जोखिम की होगी पहचान, होंगे रेफर

वाराणसी : जनपद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रम ‘राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम’ के अर्न्तगत ‘डिफरेंशियेटेड टीबी केयर’ से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन गुरूवार को कैंट स्थित एक होटल में किया गया। कार्यशाला में राज्य स्तर से डा० दिनेश बालिगा, सलाहकार विश्व स्वास्थ्य संगठन, आदर्श श्रीवास्तव, स्टेट पब्लिक प्राइवेट मिक्स (पी०पी०एम०) कार्डिनेटर राज्य क्षय नियंत्रण प्रकोष्ठ, शैलेन्द्र उपाध्याय, पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ, राज्य तकनीकी सहायता ईकाई तथा नवीन अग्रवाल, प्रोग्राम मैनेजर, वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर ने प्रशिक्षण दिया।

डीटीओ डॉ पीयूष राय ने बताया कि डिफरेंशियेटेड टीबी केयर दृष्टिकोण को चार प्रमुख चरणों में विभाजित किया गया है, जिसमें पहला है रोगी का मूल्यांकन और उनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) से परीक्षण करना। दूसरा, जोखिम स्तरीकरण और उच्च जोखिम वाले मरीजों की पहचान करना।तीसरा, उच्च जोखिम वाले मामलों को आंतरिक रोगी देखभाल के लिए रेफरल केंद्र में रेफर करना। चौथा, मासिक अनुवर्ती कार्रवाई और पुनर्मूल्यांकन करना। उन्होंने बताया कि जनपद में इस कार्यक्रम को लेकर समस्त प्रक्रिया शुरू कर दी गईं हैं।

बैठक में रीजनल टीबी प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट (आर०टी०पी०एम०यू०) वाराणसी से सम्बद्ध जनपदों के जिला क्षय रोग अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम समन्वयक ने भागीदारी की। बैठक में क्षय रोगियों में क्षय रोग के अतिरिक्त अन्य बीमारियों का मूल्यांकन करने एवं आवश्यक्तानुसार अन्य चिकित्सा इकाइयों को रेफर करने पर चर्चा की गयी।

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