Varanasi : ‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओंगे…’ गीत के साथ याद किये गये मोहम्मद रफी

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पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर स्वरांजलि कार्यक्रम से दी गई श्रद्धांजलि

वाराणसी : तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे, जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे, संग संग तुम भी गुनगुनाओगे….। पार्श्व गायक स्व. मोहम्मद रफी के गाये इस गीत के साथ पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर रविवार शाम उन्हें याद किया गया। स्वरांजलि संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम के जरिए यादगार गीतों से उभरते कलाकारों ने महान गायक को श्रद्धांजलि दी।

संजय गुप्ता व मुकेश मेहरोत्रा के संयोजन में औरंगाबाद स्थित एक लॉज की छत पर पार्श्व गायक स्व. मोहम्मद रफी की याद में स्वरांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सबसे पहले गायक के चित्र पर माल्यार्पण कर सभी ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। उसके बाद चिराग रौशन कर सुरों के बादशाह को उभरते कलाकारों ने उनके गाये गीतों की अपनी आवाज में गाना शुरू किया। इस दौरान रफी के एकल गीतों में से तेरे नाम का दिवाना, पत्थर के सनम, मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया, सुख के सब साथी दुख में ना कोय जैसे गीतों ने एक बार फिर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, छुप गये सारे नजारे, तेरी बिंदिया रे, सौ साल पहले, दीवाना हुआ बादल, ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं। इन युगल गीतों ने महफिल को वर्षों पहले की यादों के झूले में अच्छी तरह झुला दिया। कार्यकम में श्याम बुबना, संजय बुबना, श्याम गोयल, मुकेश मेहरोत्रा, यशवंत भारद्वाज, महेश खन्ना, अनूप उपाध्याय, रितू वर्मा आदि उभरते कलाकारों ने प्रस्तुति दी।