किसी भी प्रकार के बवाल की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात, टीम दीवार-नींव, कलाकृतियों की सैंपलिंग करेगी
वाराणसी:(Varanasi ) जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत के निर्दश पर सोमवार सुबह से कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई सर्वे)शुरू हो गया है।
अदालत के आदेश पर मस्जिद परिसर स्थित सील वुजूखाने को छोड़कर सम्पूर्ण परिसर का सर्वे होगा। परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग की टीम सुबह सात बजे ही प्रवेश कर गई। परिसर में एएसआई की 30 सदस्यीय टीम सभी अत्याधुनिक उपकरण के साथ सर्वे कार्य में जुटी हुई है।
जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में जो भी निर्माण व साक्ष्य हैं, उनकी जांच की जरूरत बताते हुए वहां खंभों, पश्चिमी दीवार, चबूतरा, तहखाना, गुंबद समेत सभी जगहों की जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) या अन्य वैज्ञानिक विधि से जांच, सर्वेक्षण या उत्खनन के जरिए साक्ष्य संकलन का आदेश है। सर्वे के दौरान साक्ष्यों को किसी तरह का नुकसान न हो, इसका विशेष ध्यान रखने को कहा है। पुरातात्विक सर्वे धार्मिक ढांचा किसी अन्य धार्मिक निर्माण की सच्चाई सामने लाएगा। दीवारों की कलाकृति सिद्ध करेगी कि वर्तमान ढांचा पुराने मंदिर पर तो नहीं बना। निर्माण के दौरान पुरावशेष में क्या बदलाव किया गया है? यदि ऐसा है तो उसकी निश्चित अवधि, आकार, वास्तुशिल्पीय डिजाइन और बनावट विवादित स्थल पर वर्तमान में किस रूप में है?
गौरतलब हो कि सर्वेक्षण अधिकारियों ने रविवार देर रात मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन के साथ बैठक कर सर्वे की रूपरेखा तय की।
सर्व के पहले चरण में ज्ञानवापी के राजस्व रिकॉर्डों के आधार पर सेटेलमेंट प्लाट संख्या 9130 का मौका मुआयना,परिसर के चारों ओर नापजोख होगी। मौके से नमूने भी लिए जा सकते हैं।
सर्वे को देखते हुए पूरे शहर में हाई अलर्ट है। पुलिस कमिश्नर ने मीडिया कर्मियों को बताया कि सर्वे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चौक-चौबंद है। इसके लिए अतिरिक सुरक्षा बल को बुलाया गया है। उनकी तैनाती ज्ञानवापी परिसर और आसपास की गई है। शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में चक्रमण करने का निर्देश दिया गया है।
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील वजूखाने को छोड़कर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण, उत्खनन, डेटिंग पद्धति और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग एएसआइ टीम कर रही है।