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Vadodara : नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से देश की गौरवपूर्ण ज्ञान परंपरा का पुनरुत्थान हुआ : मुख्यमंत्री

वडोदरा की एमएस यूनिवर्सिटी के 72वें दीक्षांत समारोह में कुल 345 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए

सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने दीक्षांत छात्रों को वर्चुअली संबोधित किया

वडोदरा : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से देश की गौरवपूर्ण ज्ञान परंपरा का पुनरुत्थान हुआ है। इस नई शिक्षा नीति में महाराजा सयाजीराव गायकवाड की प्रेरणा के भी दर्शन होते हैं। पटेल ने रविवार को वडोदरा में महाराजा सयाजीराव (एमएस) यूनिवर्सिटी ऑफ बरोडा के 72वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृ भाषा में शिक्षा की हिमायत की गई है। देश में अब उच्च शिक्षा में भी मातृ भाषा में अभ्यास कराया जा रहा है। मातृभाषा हो या नवोन्मेष शोध-अनुसंधान, भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति ज्ञान केन्द्रित रही है।

समारोह में मुख्यमंत्री तथा महानुभावों के करकमलों से यूनिवर्सिटी के कुल 231 छात्राओं एवं 113 छात्रों सहित कुल 345 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। साथ ही उन्होंने यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित पुस्तक का अनावरण भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के युवाओं के समक्ष इस समय अनेक अवसर पैदा हुए हैं। इसकी प्रतीति केन्द्र सरकार के बजट में भी होती है, जिसमें देश की प्रगति का मुख्य आधार सक्षम-सबल युवा शक्ति को बताया गया है। प्रधानमंत्री ने शिक्षा के बजट में 7 प्रतिशत जैसी भारी वृद्धि की है। पटेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में भी शिक्षा के लिए आर्थिक प्रावधान में 26 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 55114 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। राज्य के बजट में गरीब, युवा, अन्नदाता तथा नारी शक्ति के साथ शिक्षा को अधिकतम प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि फ्यूचरस्टिक तथा डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी को गति देने के उद्देश्य से इंजीनियरिंग कॉलेज में रिसर्च पार्क स्थापित करने के लिए 10 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने बजट की विशेषताओं की भूमिका देते हुए आगे कहा कि सरकारी इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेजों में ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी, फिनटेक जैसे उभरते क्षेत्रों के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, सपोर्ट टेक्नोलॉजी सेंटर की स्थापना के लिए 35 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस अद्यतन सेंटर से युवाओं को उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा की सुविधाएं प्राप्त होंगी। उन्होंने प्रतिबद्धता व्यक्त की कि विश्व के श्रेष्ठ 100 शैक्षणिक संस्थानों में 1 तथा श्रेष्ठ 250 शैक्षणिक संस्थानों में कम से कम 10 गुजरात के हों। भूपेंद्र पटेल ने आरंभ में महाराजा सयाजीराव का स्मरण कर शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान की प्रशंसा की।

दीक्षांत समारोह में वर्चुअल माध्यम से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज का दिन उनका है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सीजेआई ने छात्रों से कहा, “आपके पास नए विचार हैं, प्रचंड आत्मविश्वास है और कार्य करने की भरपूर शक्ति है; जिससे आप अपने कॅरियर का निर्माण करने के साथ सेवा के भाव के साथ समाज में योगदान देकर अपना ऋण उतार सकते हैं। शिक्षा समाज से जो लिया है, उसे लौटाने तथा प्रतिफल देने का माध्यम है।” उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी कैम्पस में पहला कदम रखने से लेकर आज डिग्री धारण करने तक की यात्रा में विद्यार्थियों के साथ उनके परिवारों का भी अमूल्य योगदान तथा बलिदान है। संस्कार नगरी वडोदरा में आने पर गौरव की सहर्ष अनुभूति करते हुए शिक्षा मंत्री ऋषिकेश पटेल ने डिग्री पाने वाले छात्र-छात्राओं को यूनिवर्सिटी के अमृत काल के प्रथम स्नातक-अनुस्नातक कह कर संबोधित किया। कुलपति डॉ. विजय श्रीवास्तव ने स्वागत संबोधन में यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों की भूमिका दी। दीक्षांत समारोह के इस अवसर पर महापौर पिंकीबेन सोनी, सांसद रंजनबेन भट्ट, विधायक मनीषाबेन वकील व केयुरभाई रोकडिया, भरतभाई डांगर और यूनिवर्सिटी के संचालन मंडल के सदस्य उपस्थित रहे।

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