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Ujjain : गंगा दशहरा पर्व : 15 एवं 16 जून को शिप्रा तीर्थ परिक्रमा में बड़ी संख्या में शामिल होंगे श्रद्धालु

लोकप्रिय कलाकारों द्वारा भजन संध्या एवं भक्ति गीतों की दी जाएगी प्रस्तुति, कलेक्टर ने की तैयारीयों की समीक्षा

उज्जैन : पावन नगरी उज्जैन में गंगा दशहरा पर्व के उपलक्ष्य में शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का आयोजन 15 एवं 16 जून को किया जाएगा। परिक्रमा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप 5 जून से 16 जून तक प्रदेश भर में जल संरक्षण के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। इसी उद्देश्य को लेकर विगत 20 से 22 वर्षों से ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष नवमी से ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दशमी (गंगा दशहरा) को दो दिवसीय शिप्रा तीर्थ परिक्रमा आयोजित की रही है।

शनिवार को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा गंगा दशहरा पर्व की तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में विधायक अनिल जैन कालूहेडा, नगरनिगम अध्यक्ष कलावती यादव, महापौर मुकेश टटवाल सहित शिप्रा तीर्थ परिक्रमा समिति के सचिव नरेश शर्मा, समिति के सदस्यगण, संबंधित विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा सांसद बालयोगी संत उमेशनाथ महाराज, महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी भी वर्चुअली बैठक में शामिल हुए।

कलेक्टर ने कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर निर्देश दिए कि मुख्य कार्यक्रम स्थल रामघाट पर नगर निगम द्वारा साफ सफाई और सौंदर्यीकरण कराया जाए। रामघाट पर बेहतर प्रकाश व्यवस्था और आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था रहे। घाट पर पेंटिंग और कलाकृतियां भी कराएं। इसी प्रकार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग विभाग द्वारा पेयजल के लिए शिप्रा तीर्थ मार्ग पर पानी के टैंकर्स लगाए जाएं। जो यात्रा के साथ आगे बढ़ें। शीतल पेयजल के लिए सांची के पानी के टैंकर भी लगाएं।

उन्होंने निर्देश दिए कि चुनरी अर्पण की तैयारी उज्जैन शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा की जाए। यात्रा मार्ग अवरुद्ध न हो। इंजीनियर यात्रा मार्ग के रूट का अवलोकन करें। आवश्यक मरम्मत के कार्य शीघ्र पूर्ण किये जाएं। कलेक्टर ने कहा कि 16 जून को आयोजित मुख्य कार्यक्रम में जल गंगा संवर्धन अभियान से जुड़े विभिन्न सामाजिक संगठनों को भी आमंत्रित किया जाए। जल संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने वालों सम्मानित करें।

महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने 15 एवं 16 जून की शाम रामघाट, दत्त अखाड़ा क्षेत्र में होने वाले सांस्कृतिक आयोजन के स्वरूप के संबंध में बताया कि विभिन्न लोकप्रिय कलाकारों द्वारा भजन संध्या एवं भक्तिगीतों की प्रस्तुति दी जाएगी। कार्यक्रम महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ की तरफ से होगा। इस अवसर पर शिप्रा नदी के महत्व और उसके सांस्कृतिक वैभव की जानकारी देने वाली विशेष पुस्तिका का लोकार्पण भी होगा। सदानीरा केंद्रित ऑडियो वीडियो सीडी का लोकार्पण भी किया जाएगा। बताया गया कि मां शिप्रा सहित अन्य प्रमुख नदियों , जल संरचनाओं और जो पारंपरिक जलस्रोत रहे हैं (वर्तमान में विलुप्त हो चले हैं) सभी की सैटेलाइट मैपिंग करवा कर प्राचीन वांग्मय,परंपरा, के संदर्भों के साथ सर्वे आधारित डाक्यूमेंटेशन का प्रकाशन किया जाएगा।

सांसद बालयोगी संत उमेशनाथ महाराज ने कहा कि गंगा दशहरा पर्व को जनता का अभियान बनाएं। मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा 20 वर्ष पहले शुरू किए गए इस पुनीत अभियान को सफल आयोजन किया जाए। सभी शासकीय, अशासकीय संस्थाएं ,जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक , विवेकशील जन , पत्रकारगण सभी मां शिप्रा के शुद्धिकरण का संकल्प लें।

विधायक अनिल जैन कालूखेड़ा ने कहा कि गंगा दशहरा पर्व अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार कर अभियान के पुनीत उद्देश्यों से जनसामान्य को अवगत कराएं। वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थलों पर वाटरप्रूफ टेंट लगाए जाएं। नगर निगम सभापति कलावती यादव ने समन्वित प्रयासों से अभियान को सफल बनाने का आग्रह किया।

शिप्रा तीर्थ परिक्रमा मार्ग

  • प्रथम दिवस 15 जून 2024 शनिवार

मां शिप्रा तीर्थ परिक्रमा प्रातः 8.00 बजे रामघाट से आरम्भ होगी जो रामघाट से नृसिंहघाट, आनंदेश्वर मंदिर, जगदीश मंदिर, गऊघाट, जंतर-मंतर (वेद्यशाला), वरूणेश्वर महोदव (शीतल गेस्ट हाऊस) से इन्दौर रोड, सीएचएल अस्पताल, प्रशांतिधाम सांई मंदिर, गुरूकुल (त्रिवेणी) दोप. 12 बजे गुरुकूल विद्यालय पर भोजन विश्राम हेतू प्रथम पड़ाव) यात्रा दोपहर 3.00 बजे गुरुकुल त्रिवेणी से प्रस्थान जो नवग्रह शनि मंदिर, गोठडा, सिकन्दरी, दाउदखेडी, चांदमुख, चिंतामण, मंगरोला फन्टा, लालपुल होते हुए भुखीमाता मंदिर, गुरूद्वारा नानक देव (रात्रि भोजन), नानक घाट से दतअखाडा। (भजन संध्या व रात्रि विश्राम पडाव दत्त अखाड़ा।) रात्रि विश्राम होगा।

16 जून 2024 रविवार

प्रातः 7.30 पर यात्रा प्रस्थान- दत्तअखाडा से रणजीत हनुमान, कालभैरव, भैरवगढ़ सिद्धनाथ,अंगारेश्वर, कमेड, मंगलनाथ, सान्दीपनी आश्रम, राम मंदिर, गढ़कालिका, यात्रा दोपहर 3 बजे से भृतहरीगुफा, ऋणमुक्तेश्वर, वाल्मीकी धाम (भोजन विश्राम), दुर्गादास राठौर की छत्री, चक्रतीर्थ, दानीगेट, ढ़ाबारोड, गोपालमंदिर, पटनीबाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल मंदिर, बडेगणेश मंदिर, सिद्ध शक्तिपीठ हरसिद्धी मंदिर होते हुए रामघाट पहुंचेगी। सांयकाल 6.30 शिप्रा-गंगा पूजन, चुनरी अर्पण के पश्चात भजन संध्या से कार्यक्रम का समापन होगा। शिप्रा लोक संस्कृति समिति उज्जैन और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ उज्जैन कार्यक्रम के आयोजक रहेंगे।

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