चेन्नई : (Chennai) दक्षिण रेलवे ने ट्रांसजेंडरों की सम्मानजनक जिन्दगी के प्रोत्साहन को तमिलनाडु में पहली ट्रांसजेंडर टीटीई की नियुक्ति की। नागरकोइल की रहने वाली ट्रांसजेंडर सिंधु गणपति को डिंडीगुल रेलवे स्टेशन पर टीटीई के रूप में नियुक्त किया गया है।
सिंधु गणपति ने अपनी दृढ़इच्छा शक्ति के सहारे रेलवे के टीटीई पद तक पहुंच पाई जो आज उदाहरण बन गया। आधिकारिक जानकारी के अनुसार तमिलनाडु के नागरकोइल की रहने वाली सिंधु 2003 में दक्षिणी रेलवे में शामिल हुईं और सबसे पहले केरल के त्रिवेन्द्रम डिवीजन के तहत एर्नाकुलम में काम किया। उन्हें 2009 में मदुरै डिवीजन के तहत डिंडीगुल में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसी बीच एक दुर्घटना के कारण सिंधु के हाथ में चोट लग गई और वह तकनीकी कार्य जारी रखने में असमर्थ हो गईं। जब रेलवे प्रशासन की तरफ से पूछा गया कि क्या वह गैर-तकनीकी नौकरी कर सकती है तो उसने संपर्क सेवा से संबंधित टीटीई के पद की मांग की। दक्षिण रेलवे ने इसे स्वीकार कर लिया।
सिंधु गणपति के मुताबिक उसने टीटीई बनने की इच्छा व्यक्त की जिसे स्वीकार कर लिया गया। कुछ चुनौतियाँ थीं लेकिन उनका सपना अब हकीकत बन गया है। मुझे उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में ट्रांसजेंडर उनसे प्रेरणा लेंगे। तमिल साहित्य से बीए पास सिंधु का दृढ़ विश्वास है कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है।
उसने यह भी कहा, “मुझे यह देखकर खुशी हुई कि एक टीटीई के रूप में ट्रांसजेंडर व्यक्ति को जनता का काफी समर्थन है। अधिकांश लोग अब हमें कहीं अधिक स्वीकार कर रहे हैं। ट्रांसजेंडर लोगों के पास इन दिनों शिक्षा और नौकरियों तक पहुंच है, जिसका उन्हें समाज के सम्मानित सदस्य बनने के लिए पूरा उपयोग करना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वीं लोकसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन अपने संबोधन में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कल्याणकारी उपायों पर प्रकाश डाला था।