Sukma : एर्राबोर पोटाकेबिन में छह वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म

0
253

दो दिन बाद मामला आया प्रकाश में

सुकमा : सोमवार को सुकमा जिले के शासकीय कन्या आवासीय विद्यालय एर्राबोर कक्षा 1 की 6 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना का मामला सामने आया। उक्त घटना शनिवार शाम की है। दो दिन बाद सोमवार शाम अज्ञात आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने शुरुआती जांच में कुछ संदिग्धों से थाने में पूछताछ कर रही है। इधर, पोटा केबिन घटना की जानकारी उच्च कार्यालय को सूचना नहीं देने और लापरवाही बरतने को लेकर मंगलवार को अधीक्षिका हिना खान एवं सहायक अधीक्षिका सविता वर्मा को निलंबित कर दिया गया। फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची है।

मंगलवार को इस घटना की खबर लगते ही सर्व आदिवासी समाज व राजनीतिक दल एर्राबोर पहुंचे। ग्रामीणों से इस पूरे मामले की जानकारी ली। जहां यह सामने आया कि दुष्कर्म के बाद अधीक्षिका ने रविवार को बच्ची को मां को बुलाकर कर घर भेज दिया। जहां घर जाने के बाद बच्ची को ब्लीडिंग हो रहा था, जिसके बाद अस्पताल लाने के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। वहीं राजनीतिक दलों व सर्व आदिवासी ने घटना क्रम को निंदनीय और मानवता को शर्मसार करने वाला बताया हैं। सर्व आदिवासी समाज ने बताया कि मामले को लेकर बाकी बच्चों से पूरे घटनाक्रम को लेकर जानकारी ली गई। पोटा केबिन अधीक्षिका को पूरे घटनाक्रम की जानकारी थी, जिसके बाद पीड़ित परिवार पर दबाव बनाकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया। जो इस पूरे कृत्य पर अधीक्षिका की संलिप्तता स्पष्ट करता हैं। जिसको लेकर राजनीतिक दलों व सर्व आदिवासी समाज द्वारा अधीक्षिका के खिलाफ एफआईआर करने की बात कही गईं है।

परिजनों में दहशत, बच्चों को वापस ले जाने की बात: इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। एर्राबोर पोटा केबिन के आवासीय छात्राओं के साथ इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं होने की चर्चा ने मामले को और भी गरमा दिया हैं। इस प्रकार के मामले को स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दबाने की बात सामने आ रही है। वही मामले से पोटा केबिन आवासीय परिसर में इस तरह के वारदात से परिजनों में अपने बच्चियों की सुरक्षा को लेकर चिंता व दहशत है। परिजन बच्चों को पोटाकेबिन से निकाल कर वापस घर ले जाने की बात कह रहे हैं।

अधीक्षिका पर एफआईआर दर्ज करने की मांग

सर्व आदिवासी समाज के युवा संगठन के जिला अध्यक्ष रामदेव बघेल ने कहा कि इस घटना की जानकारी पोटाकेबिन अधीक्षिका को पहले से पता है, इस मामले को दबाने की पूरा कोशिश की गई। ये मामला उजागर नहीं होता। पीड़िता को घर ले जाने के बाद बच्ची को रक्तस्त्राव हो रहा था, बच्ची ने घटना की पूरी जानकारी परिजनों को दी। उसके बाद उसे एर्राबोर अस्पताल लाया गया। बच्ची की हालत देकर डाक्टर ने परिजनों को थाना भेजा। परिजनों के दबाव में आकर अधीक्षिका ने सोमवार देर शाम को थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। सर्व आदिवासी समाज के द्वारा एर्राबोर में बैठक की गई है ।समाज के द्वारा जल्द ही इस पूरे मामले को लेकर अधीक्षका के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की जाएगी।

भाजपा ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

भाजपा जिला अध्यक्ष धनीराम बारसे ने कहा कि एर्राबोर में आवासीय पोटा केबिन में शनिवार की रात में पोटाकेबिन के अंदर प्रवेश कर आदिवासी छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना हुई है। शनिवार 22 जुलाई की रात पोटाकेबिन की सारी छात्राएं खाना खाने के बाद सोने चली गईं थीं। इसी बीच आधी रात को एक युवक किसी तरह से बालिकाओं के कमरे में घुस गया। यहां सो रही एक 6 साल की बच्ची के मुंह में हाथ रख उसे उठाकर ले गया था। फिर पोटाकेबिन के आस-पास ही किसी जगह पर उससे रेप किया। जब बच्ची चिल्लाने लगी और अन्य छात्राएं उठीं तो युवक भाग निकला। उसी रात इस बात की जानकारी अधीक्षिका को भी मिली थी।

अगले दिन यानी रविवार 23 जुलाई को एर्राबोर गांव का साप्ताहिक बाजार लगा था। छात्रा के परिजन बाजार करने आए थे। दोपहर बाद वे छात्रा से मिलने के लिए पोटा केबिन पहुंचे। वहीं छात्रा को घर लेकर चले गए थे। छात्रा काफी डरी हुई थी। उसी दिन उसकी तबीयत भी खराब होने लगी। परिजन उसे अस्पताल लेकर गए। जहां मेडिकल जांच में दुष्कर्म होने की बात पता चली। जब परिजनों ने छात्रा से पूछताछ की तो उसने परिजनों को सारी बातें बताई। उन्होंने कहा कि घटना को अधीक्षिका के द्वारा दबाने का प्रयास किया गया। लेकिन पीड़िता की मां के द्वारा बच्ची के शारीरिक दर्द को देखकर एर्राबोर अस्पताल लाया गया। बच्ची की हालत देखकर डॉक्टर ने थाना भेजा। लेकिन थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कर सुकमा भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि, प्रशासन से इस पूरे मामले पर उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करते हैं। सुकमा जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं, यहां पर अधिकांश बच्चे आवासीय पोटा केबिन व आश्रम में रहकर पढ़ाई करते है। इसलिए सभी आवासीय पोटाकेबिन में गैर आदिवासी को अधीक्षक याअन्य जिम्मेदार पद पर नहीं रखा जाए। यहां पर तत्काल आदिवासी कर्मचारियों को नियुक्त किया जाए।

दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई : कुंजाम

एआईएसएफ प्रदेश अध्यक्ष महेश कुंजाम ने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। अगर इस जांच को किसी द्वारा प्रभावित करने या दोषियों को बचाने का प्रयास किया जाता है तो उस पर भी पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए।

आठ सदस्यीय टीम गठित

पोटा केबिन अधीक्षिका की रिपोर्ट पर थाना एर्राबोर में अज्ञात आरोपित के विरुद्ध अपराध क्रमांक 09/23 धारा 456, 363, 376 क, ख 324 भादवि, 4,5 (ड़) 6 पोस्को एक्ट का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।साथ ही पीड़िता का मेडिकल जांच करवाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए त्वरित निराकरण हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोंटा गौरव मंडल की अध्यक्षता में पारुल खण्डेलवाल ,उप पुलिस अधीक्षक, बाल अपराध अन्वेषण शाखा सहित 08 सदस्यीय समिति गठित की गई है।अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।