श्रीनगर : श्रीनगर के हब्बा कदल क्षेत्र के शाला कदल इलाके में बुधवार शाम को आतंकवादियों के हमले में पंजाब के दो निवासियों की मौत के बाद श्रीनगर में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। इस हमले की जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश के राजनीतिक दलों ने हमले की कड़ी निंदा की है, जिसकी जिम्मेदारी प्रतिबंधित द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है।
पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) वी के बिरधी ने कहा कि सुरक्षा उपाय तेज कर दिए गए हैं और सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है। जबकि पुलिस मामले को सुलझाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। पुलिस महानिरीक्षक ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा ग्रिड मौजूद हैं और चालू हैं। अधिकारियों ने हमले के मद्देनजर जनता से और सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही गश्त तेज कर दी है और हम मामले को सुलझाने पर काम कर रहे हैं।
घटना पर विवरण साझा करने से इनकार करते हुए पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि अभी कुछ भी बताना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि कभी-कभी यह जांच के लिए प्रतिकूल हो जाता है लेकिन हम निश्चित रूप से इस पर (मामले पर) काम कर रहे हैं। सुरक्षा बलों ने भी हमले वाले क्षेत्र में और उसके आसपास तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और शहर के विभिन्न हिस्सों में व्यक्तियों की यादृच्छिक जाँच कर रहे हैं।
इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के विरोध प्रदर्शन में बोलते हुए पूछा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं और आश्चर्य हुआ कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने से क्या हासिल हुआ। .
जब केंद्र ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया तो उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद के लिए जिम्मेदार था। पूर्व मुख्यमंत्री ने निर्दाेष नागरिकों की हत्या के लिए आतंकवादी समूह की निंदा करते हुए कहा कि कल श्रीनगर में दो निर्दाेष लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
जम्मू में भी राष्ट्रीय बजरंग दल (आरबीडी) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।
पिछले साल आतंकवादियों ने गैर-स्थानीय श्रमिकों पर तीन हमले किए थे जिसके परिणामस्वरूप दो की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हुए थे।