शिमला : पर्यटन नगरी शिमला को भिखारियों से मुक्त करने के लिए प्रशासन ने नई कवायद शुरू की है। इसके तहत हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की सहायता से भिखारियों का पुनर्वास किया जाएगा। इसके अलावा भिखारियों को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देने का प्रावधान भी किया गया है। जिला प्रशासन ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत रोजगार मुहैया करवाया जाएगा।
शिमला के जिलाधीश अनुपम कश्यप ने बताया कि भिक्षा मुक्त भारत बनाने की दिशा में चयनित हुए शिमला शहर में स्माईल योजना के तहत भिखारियों का पुनर्वास किया जाएगा। इस योजना में नाबालिग बच्चें, जो भिक्षावृति करते है, उनका पुनर्वास करके नजदीकी स्कूल में दाखिला करवाया जाने का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान उक्त नाबालिग का सारा खर्च शिक्षा विभाग द्वारा वहन किया जाएगा। वहीं व्यस्क भिखारियों को नशा मुक्ति केंद्र (केवल उन्हें जो नशे की चपेट में है) और गरिमा गृह में स्थानांतरित किया जाएगा। यहां पर इन्हें रहने, खाने पीने, कपड़े, मनारेंजन, अन्य दैनिक गतिविधियों की सुविधा मिलेगी और काउंसलिंग भी की जाएगी। नगर निगम ने लक्क्ड़ बाजार और चैड़ा मैदान में दो गरिमा गृहों को योजना के तहत चयनित किया है।