शंघाई : (Shanghai) भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने ब्रिटानिका इंटरनेशनल स्कूल (Britannica International School) में हिंदी दिवस पर एक समारोह आयोजित किया।कार्यक्रम में भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों, विदेशी नागरिकों और भारत-प्रेमी स्थानीय चीनी मित्रों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने हिंदी में कविताएं, लघु कथाएं, निबंध और गीत प्रस्तुत किए। कुछ प्रतिभागियों ने संस्कृत श्लोकों का पाठ किया।
ब्रिटानिका इंटरनेशनल स्कूल इस क्षेत्र का पहला अंतरराष्ट्रीय स्कूल (international school) है, जिसने हिंदी को अपने पाठ्यक्रम में स्थायी रूप से शामिल किया है। यह पूर्वी चीन में हिंदी के सांस्कृतिक प्रभाव के विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ। ‘मेरी पसंदीदा हिंदी फिल्म’ विषयक निबंध प्रतियोगिता में वयस्कों, वरिष्ठ विद्यार्थियों और कनिष्ठ विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस विषय ने भारतीय सिनेमा की उस विशिष्ट भूमिका को उजागर किया, जो भारत की सांस्कृतिक सॉफ्ट पावर के रूप में दुनिया को जोड़ने का माध्यम है। विजेताओं को समारोह में सम्मानित किया गया।
शंघाई में भारत के महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर (Pratik Mathur) ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी केवल भारत की राजभाषा ही नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक स्वरूप, परंपरा और एकता की जीवंत अभिव्यक्ति है। उन्होंने उल्लेख किया कि नई पीढ़ी में हिंदी की बढ़ती लोकप्रियता और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा इसका अंगीकरण इसकी बढ़ती वैश्विक प्रासंगिकता को दर्शाता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के इस संदेश को भी रेखांकित किया कि “हिंदी जोड़ती है, हिंदी अपनापन बढ़ाती है,” और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के संकल्प को पुनः दृढ़ किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों, विशेष रूप से विद्यार्थियों को, हिंदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए उनकी सृजनात्मकता और प्रतिबद्धता पर बधाई दी।