सहरसा : जिले में मानसून आते ही बीते 27 जून से लगातार वर्षा हो रही है।ग्रामीण इलाके में किसानों के बीच खुशी की लहर देखी जा रही है। जहां लगातार आठ दिनों से हो रही बरसात में धान की रोपनी के लिए लालायित किसान दिन-रात धान की रोपनी में समय लगा रहे हैं।वहीं जिन खेतों की जुताई , कुड़ाई और कदवा नहीं हुई थी।उनमें दिन-रात ट्रैक्टर से जोत-कोर और कदवा किए जा रहे हैं।
लगातार बरसात होने से ग्रामीण इलाके में किसान दिन-रात खेतों में काम कर रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कुल 72 हजार 854 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें से अब तक लक्ष्य के अनुरूप 40% खेतों में धान की रोपनी का कार्य संपन्न हो चुका है। हालांकि 60% धान की खेती होनी अभी बाकी है लेकिन लगातार मानसून में बरसात हो रही है। जिससे किसान उत्साहित हैं।
उमीद है कि इस बार लक्ष्य से अधिक धान की खेती होगी।स्थानीय अगवानपुर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक अशोक कुमार पंडित ने बताया कि अगले पांच दिनों तक हल्की और मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है। आसमान में बादल छाए रहेंगे। इस दौरान मध्यम से तेज गति की पुरवा हवा चल सकती है। जिले में वर्षा सामान्य,अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान 9 जुलाई से 15 जुलाई के दौरान सामान्य होने की उम्मीद दिख रही है।
कृषि वैज्ञानिक ने सलाह देते बताया है कि अभी चारा उगाने का सबसे उपयुक्त समय है। पूसा चारी-9 ,पूसा चारी-6 या अन्य संकर किस्में के बीज 40 किलोमीटर प्रति हेक्टेयर बोने से अच्छी चारा मिल सकती है। वहीं धान के किसानों को सलाह देते बताया है कि 20 – 25 दिन पुराने बिचड़ा को तैयार खेतों में रोपें। धान रोपने से पूर्व नत्रजन 60 किलो प्रति हेक्टेयर , फास्फोरस 60 किलो प्रति हेक्टेयर,पोटाश 40 किलो प्रति हेक्टेयर और जिंक सल्फेट 25 किलो प्रति हेक्टेयर खेतों में प्रयोग करने से धान में अधिक उपज प्राप्त होगी।धान के खेतों में एक पैकेट हरा शैवाल ब्लू ग्रीन एलगी अवश्य डालना चाहिए।