Rudraprayag : उत्तराखंड में तीन घंटे बाधित रही केदारनाथ यात्रा, गौरीकुंड के समीप पहाड़ी से टूटी चट्टान

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शुक्रवार देर रात्रि तेज बारिश से पहाड़ी का हिस्सा टूटा- एसडीआरएफ ने २८७४ यात्रियों को सुरक्षित निकाला
रुद्रप्रयाग : (Rudraprayag)
गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव के समीप पहाड़ी का हिस्सा (part of hill near Ghoda Padav in Gaurikund) टूटने से केदारनाथ पैदल मार्ग अवरूद्ध हो गया था, जिस कारण यात्रा तीन घंटे तक रोकी गई। बाद में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के (NDRF and SDRF) जवानों ने यात्रियों को दो तरफा रास्ता पार कराया। शाम छह बजे तक २८७४ यात्रियों की सुरक्षित आवाजाही कराई गई। वहीं, लोक निर्माण विभाग द्वारा मजदूरों की मदद से प्रभावित रास्ते को दुरस्त करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।शुक्रवार देर रात से शनिवार तड़के तक हुई तेज बारिश से गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव के समीप पहाड़ी का बड़ा हिस्सा टूटने से केदारनाथ पैदल मार्ग बाधित हो गया। यहां भारी बोल्डर और मलबा जमा हो गया, जिस कारण सोनप्रयाग से ही यात्रा को रोक दिया गया। साथ ही, केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों को भी पड़ावों पर रोकने को गया गया। सुबह १० बजे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला आपदा प्रबंधन ने यात्रियों को प्रभावित क्षेत्र में रास्ता पार कराना शुरू किया। इस दौरान केदारनाथ से सोनप्रयाग लौट रहे १०० यात्रियों को सुरक्षित निकाला। इसके बाद धाम जाने वाले और धाम से लौटने वाले यात्रियों को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने सुरक्षित रास्ता पार कराया। शाम छह बजे तक रेस्क्यू दल द्वारा कुल २८७४ श्रद्धालुओं को सुरक्षित रास्ता पार (a total of 2874 pilgrims were safely crossed) कराया गया, जिसमें २५७८ पुरुष, २६३ महिलाएं और ३३ बच्चे शामिल हैं। एसडीआरफ के उप निरीक्षक आशीष डिमरी के नेतृत्व में रेस्क्यू अभियान चलाया गया। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि भूस्खलन में बोल्डर गिरे हैं, जिससे यात्रियों को हाथ पकड़कर कर रास्ता पार कराया जा रहा है। उप जिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि सुबह तीन घंटे यात्रा रोकी गई थी। सुबह १० बजे से यात्रा सुचारू है, जो यात्री धाम जा रहे हैं और जो धाम से लौट रहे हैं, उन्हें रेस्क्यू दल द्वारा रास्ता पार कराया जा रहा है।