डीएम सौरभ गहरवार ने दिए जांच के आदेश
रुद्रप्रयाग : केदारनाथ धाम में एक हेलीकॉप्टर पायलट की सूझबूझ के चलते क्रैश होने से बच गया और पालयट सहित उसमें बैठे सभी 6 श्रद्धालुओं की जान बच गई। बताया जा रहा है कि तकनीकी खराबी के चलते हेलीकॉप्टर की आपात लैडिंग कराई गई। पायलट ने पूरी तरह अनियंत्रित हेलीकॉप्टर को हेलीपैड से ही सटी पहाड़ी पर इमरजेंसी लैंडिंग कराने में कामयाबी पाई और बड़ी दुर्घटना होने से बचा लिया।
शुक्रवार सुबह 6 बजकर 55 मिनट पर क्रिस्टल एविएशन के हेलीकॉप्टर ने शेरसी हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी। हेलीकॉप्टर 7 बजकर 1 मिनट पर जैसे ही केदारनाथ हेलीपैड से 100 मीटर पहले पहुंचा तो उसमें तकनीकी खराबी आ गई, जिससे वह हेलीपैड में लैंड नहीं हो सका। पायलट कैप्टन कल्पेश ने हेलीकॉप्टर को हेलीपैड में लैंडिंग कराने का दो बार प्रयास किया, मगर हेलीकॉप्टर गोलाई में घूमते हुए हेलीपैड के ऊपर से डगमगाते हुए खाई की तरफ गिरने लगा। पायलट की सूझबूझ रही कि उसने हेलीकॉप्टर क्रैश होने से पहले ही उसे हेलीपैड से लगी पहाड़ी पर ही इमरजेंसी लैंडिंग कराने में कामयाबी पा ली, जिससे पायलट सहित सभी 6 यात्रियों की जान बच गई। हेलीकॉप्टर में पायलट के साथ ही यात्री तमिलनाडू निवासी शिवाजी, उल्लू बैंकट चलम, महेश्वरी, सुन्दरा राज, सुमति, मयूर बाघवानी सवार थे।
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी की ओर से दी गई सूचना के अनुसार क्रिस्टल एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर ने शेरसी से उड़ान भरी थी, जिसमें तकनीकी खराबी आने के कारण हेली की केदारनाथ हेलीपैड से पहले ही आपात लैंडिंग कराई गई। पायलट की सूझबूझ के कारण बड़ा हादसा होने से टल गया। पायलट ने अपना धैर्य नहीं खोया और सूझबूझ का परिचय देते हुए बड़ी दुर्घटना होने से बचा लिया। उन्होंने कहा कि मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि घटना के दौरान पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा मौके पर जाकर यात्रियों की सहायता करते हुए उन्हें मंदिर तक पहुंचाया गया। वर्तमान में उक्त हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी एवं घटना की जांच डीजीसीए द्वारा की जा रही है। जांच पूर्ण होने के बाद ही उक्त एविएशन कंपनी की ओर से केदारघाटी में उड़ान शुरू की जा सकेगी। उक्त हेली कंपनी में जिन भी यात्रियों ने अपने टिकट बुक कराए हैं, उनको यथासंभव अन्य हेली कंपनियों के माध्यम से उड़ान की व्यवस्था कराई जा रही है।