रायपुर : (Raipur) छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Chhattisgarh’s first Chief Minister Ajit Jogi) की प्रतिमा को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब इस मुद्दे पर उनके पुत्र और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के नेता अमित जोगी ने दो टूक कहा है कि, “या तो मेरी अर्थी उठेगी या अजीत जोगी की प्रतिमा फिर से उसी स्थान पर स्थापित होगी।” इसको लेकर जकांछ नेता मंगलवार से धरने पर बैठ गए हैं। साथ ही समर्थकों में भारी आक्रोश देखने काे मिल रहा है। वहीं मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जानकारी प्रशासन से मंगाई गई है। जानकारी के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
अमित जोगी (Amit Jogi) के अनुसार जहां से प्रतिमा हटाई गई, वह निजी ज़मीन है और वहां नगरपालिका या राज्य शासन का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्य किसी के इशारे पर किया गया है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। अमित जोगी ने कहा कि “मूर्ति जिस तरह रातों-रात चोरी हुई, उसी तरह वापस उसी जगह पर मूर्ति लगनी चाहिए। मैंने उप मुख्यमंत्री से बात की है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि जो भी अप्रिय घटनाएं हुई हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी। हमें न्याय चाहिए।”
इस मामले पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Chief Minister Vishnudev Sai) ने कहा कि रेणु जोगी (Renu Jogi) (अजीत जोगी की पत्नी) ने सोमवार को मुझसे मुलाक़ात की थी। जो मामला सामने आया है, उसकी जानकारी प्रशासन से मंगाई गई है। जानकारी के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
मूर्ति स्थापना को लेकर प्रशासन-समर्थक विवाद जारी
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि प्रतिमा बिना सभी आवश्यक नियमों और प्रक्रियाओं को पूरा किए बिना स्थापित नहीं की जा सकती। इसके चलते जोगी समर्थकों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच तीखी बहस हो रही है। अमित जोगी अभी धरने पर बैठे हैं, जहां उनके समर्थकों और प्रशासन के बीच झड़प भी हुई। मौके पर एसडीएम पेंड्रारोड ऋचा चंद्रकार, सीईओ सुरेंद्र वैद्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल समेत भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
अजीत जोगी की मूर्ति हटाए जाने का सीसीटीवी फुटेज आया सामने
ज्योतिपुर चौक में स्थापित स्वर्गीय अजीत जोगी (late Ajit Jogi) की मूर्ति हटाए जाने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। एक मोबाइल दुकान में लगे कैमरे में यह घटना साफ तौर पर रिकॉर्ड हुई है। फुटेज में देखा जा सकता है कि आधी रात के बाद एक बड़ा वाहन मूर्ति को हटाता है। हैरानी की बात यह है कि उस वक्त घटनास्थल के आसपास कोई भी व्यक्ति नजर नहीं आ रहा, जिससे यह संदेह और गहराता है कि पूरी कार्रवाई योजनाबद्ध तरीके से की गई।