क्वेटा (बलोचिस्तान) : (Quetta) पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रांत (Pakistan’s Balochistan province) में आजादी की मांग तेज होने के बीच आम नागरिकों और अधिकारियों को जबरन उठा ले जाने की घटनाओं ने संघीय और राज्य सरकार की सुरक्षा संबंधी चिंता बढ़ा दी है। राज्य के कुलवाह और खारन से एक लेवी अधिकारी समेत दो लोग लापता हो गए हैं। पाकिस्तान के सुरक्षाबलों पर दोनों को जबरन उठा लेने जाने का आरोप है। उधर, कुछ हथियारबंद लोगों ने एक निर्माण कंपनी के 18 मजदूरों को अगवा कर दोनों सरकारों को सीधी चुनौती दी है। अपहृत मजदूरों का कोई सुराग नहीं लग पाया है।
द बलोचिस्तान पोस्ट (पश्तो भाषा) की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान फोर्सेज के फ्रंटियर कोर ने पिछले दिनों कुलवाह के अशाल क्षेत्र निवासी रेजाई औलद गाजो को जबरन गायब कर दिया। दूसरी ओर आतंकवाद निरोधी विभाग (Counter-Terrorism Department) (CTD) और खरान की खुफिया एजेंसियों ने एक स्थानीय लेवी अधिकारी को हिरासत में लेने के बाद जबरन गायब कर दिया है। लापता अधिकारी की पहचान खरान निवासी हाजी मोहम्मद हुसैन कबदानी के बेटे बशीर अहमद कबदानी के रूप में हुई है। बताया गया है कि बशीर को 19 अक्टूबर की रात लगभग 11 बजे उसके घर से उठाया गया।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, अज्ञात हथियारबंद लोगों ने गुरुवार देर रात खुजदार जिले में एक निर्माण कंपनी के शिविर पर हमला कर 18 मजदूरों का अपहरण कर लिया और कई वाहनों और भारी मशीनों में आग लगा दी। बलोचिस्तान में 12 घंटे के अंतराल में मजदूरों के अपहरण की दूसरी घटना ने पूरे प्रांत में सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ा दी हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह हमला नाल तहसील में खुजदार से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित कालेरी में हुआ।
भारी हथियारों से लैस दर्जनों हमलावरों ने पहले मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर यातायात बाधित किया और फिर एक निजी निर्माण कंपनी के शिविर और क्रश प्लांट पर धावा बोल दिया। यह कंपनी वाशुक जिले में खुजदार को बसिमा से जोड़ने वाली एक प्रमुख सड़क परियोजना पर काम कर रही है। लेविस फोर्स के प्रभारी अली अकबर के अनुसार, हमलावरों ने कंपनी के क्रश प्लांट को निशाना बनाया और वाहनों और निर्माण उपकरणों में आग लगा दी। इसके बाद हमलावरों ने मजदूरों को जबरन अपने वाहनों में डाल लिया और पास के पहाड़ों में भाग गए। अपहृत अधिकांश श्रमिक सिंध प्रांत के हैं। यह लोग काम की तलाश में बलोचिस्तान आए थे। कंपनी के प्रबंधक जुल्फिकार अहमद ने पुष्टि की कि बंदूकधारियों ने शुरुआत में 20 श्रमिकों का अपहरण किया। बाद में दो को रिहा कर दिया। 18 अभी भी लापता हैं।
सुरक्षा बलों ने मजदूरों की तलाश में संयुक्त अभियान शुरू किया है। इसमें लेवीज फोर्स, फ्रंटियर कॉर्प्स (Frontier Corps) (FC) और आतंकवाद निरोधी विभाग (Counter Terrorism Department) (CTD) के कर्मी शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, अपहृत श्रमिकों का पता लगाने के लिए स्थानीय आदिवासी बुजुर्गों ली गई। इसमें अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। अभी तक किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, यह क्षेत्र लंबे समय से बलोच अलगाववादी समूहों का गढ़ रहा है। पहले भी निर्माण कंपनियों, सड़क परियोजनाओं और अन्य विकास परियोजनाओं को निशाना बनाया गया है। इन समूहों को सरकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का विरोध करने के लिए जाना जाता है। इससे पहले गुरुवार सुबह अज्ञात हथियारबंद लोगों ने मस्तुंग जिले के दश्त से नौ निर्माण मजदूरों का अपहरण कर लिया था। उनका अब भी पता नहीं है।



