Wednesday, September 27, 2023
HomelatestPrayagraj : सुसाइड किसी को भी गिरफ्त में ले सकता है :...

Prayagraj : सुसाइड किसी को भी गिरफ्त में ले सकता है : डॉ राकेश

समस्याओं को शेयर करने से समस्या का निदान होगा

प्रयागराज : सुसाइड किसी को भी अपनी गिरफ्त में ले सकता है। लोगों को जागरूक कर सुसाइड से बचाया जा सकता है। आत्महत्या से बचने के लिये उन्होंने बताया कि आत्महत्या हमारी समस्या है किसी दूसरे की नहीं। अपनी समस्याओं को शेयर करें, समस्या का निदान स्वयं हो जायेगा।

यह बातें मुख्य अतिथि डॉ राकेश पासवान ने ईश्वर शरण महाविद्यालय में इण्टरनेशनल सुसाइड प्रीवेन्शन डे के अवसर पर गुरूवार को मनोविज्ञान विभाग एवं काउंसलिंग सेल तथा इण्टरनल क्वालिटी एस्युरेंस सेल ईश्वर शरण पीजी कालेज की तरफ से आत्महत्या के बढ़ती प्रवृत्तियों को लेकर विशेष व्याख्यान में सम्बोधित करते हुए कही।

कार्यक्रम संयोजक अंजना श्रीवास्तव ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि सुसाइड पेण्डेमिक की तरह बढ़ता जा रहा है और तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र में आत्महत्या के सबसे ज्यादा केस दर्ज किये जा रहे हैं। उन्होंने आत्महत्या करने की समस्याओं के बारे में बताया। कहा कि आत्महत्या के लक्षणों की पहचान करके इसको रोका जा सकता है। डॉ अनुजा सलूजा ने बताया कि डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 08 लाख आत्महत्या दुनिया भर में एक वर्ष में होती है और मृत्यु का चौथा सबसे बड़ा कारण आत्हत्या है। आत्महत्या करने वाले 80 प्रतिशत लोग 14-35 वर्ष के बीच के हैं। इसके पीछे का कारण उन्होंने अकेलापन, आर्थिक समस्या, पारिवारिक विवाद इत्यादि बताया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मोअज्जम अहमद ने आत्महत्या के कारणों के बारे में बताया कि आत्महत्या को लेकर जागरूकता की कमी है और जागरूकता को लेकर रिपोर्टिंग बहुत कम है। उन्होंने बताया कि बीमार लोग ज्यादा आत्महत्या करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज के हर व्यक्ति को तनाव है। जीवन में तनाव सब जगह है। इसका निदान करना अति आवश्यक है। आत्महत्या जैसी गम्भीर समस्या से बचने के लिये उन्होंने बताया कि सोशल इंट्रक्शन बहुत जरूरी है। बच्चों को तनावमुक्त वातावरण दें व अपने लक्ष्य को स्वयं निर्धारित करने दें। उन्होंने बताया कि लोगों को अपनी समस्याओं का विश्लेषण करना चाहिये और अपने अंदर की कमियों को दूर करें और अपनी समस्याओं के निदान के लिये लोगों की मदद लें। डॉ मनोज कुमार दूबे ने बताया कि कार्यक्रम के आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ विवेकानन्द त्रिपाठी ने कार्यक्रम का सारांश प्रस्तुत किया और धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभाग के संयोजक डॉ मानसिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ विजय तिवारी, डॉ साइस्ता, डॉ रेफाक अहमद, डॉ रचना सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।

इससे जुडी खबरें

सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबर