Prayagraj : राष्ट्रीय ध्वज अशोक चक्र प्रदर्शन के लिए नीति की मांग करने वाली याचिका खारिज

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प्रयागराज : (Prayagraj) इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र के गतिशील (घूमते या चलते) प्रदर्शन के लिए नीति या दिशा निर्देश तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग में दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी।

मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र (Chief Justice Arun Bhasali and Justice Kshitij Shailendra) की पीठ ने कहा कि याचिका में वास्तविक जनहित का अभाव है। कोर्ट ने कहा यह याचिका मुख्य रूप से याचिकाकर्ता के प्रस्ताव पर आधारित है, जिस पर प्राधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है। याची अजय कुमार शर्मा ने राष्ट्रीय गौरव और तकनीकी नवाचार के प्रतीक के रूप में अशोक स्तम्भ तंत्र के नीचे अशोक चक्र को स्थापित करने, अपनाने और प्रदर्शन के लिए भारत के प्रधानमंत्री को एक प्रस्ताव भेजा था। हालांकि, न्यायालय ने कहा कि उक्त प्रस्ताव को केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया या उस पर कार्रवाई नहीं की गई।

कोर्ट ने टिप्पणी की कि केवल इस आधार पर कि प्रतिवादियों ने याचिकाकर्ता के प्रस्ताव पर कार्रवाई नहीं की है, कथित रूप से जनहित में वर्तमान याचिका दायर करना, याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए प्रस्ताव को जनहित में नहीं ठहरा सकता। न्यायालय ने आगे कहा कि यदि याचिकाकर्ता को जवाब न मिलने पर कोई शिकायत है, तो इसका कारण याचिकाकर्ता का व्यक्तिगत मामला है और स्पष्टतः इस मामले में कोई जनहित शामिल नहीं है। परिणामस्वरूप, न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी तथा स्पष्ट किया कि याची कानून के तहत उपलब्ध उचित उपायों का अनुसरण करने के लिए स्वतंत्र होगा।