भाजपा ने विधानसभा में आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय बढ़ाने की मांग की
पटना: (Patna) बिहार विधानमंडल में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विधानसभा गेट के बाहर सैकड़ों की तादाद में आंगनबाड़ी सेविका पहुंच गईं और धरना-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी सेविकाओं को हटाने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इतना ही नहीं इन पर पानी की बौछार भी की गई।
आंगनबाड़ी सेविकाओं ने राज्य सरकार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव चुनाव के समय बार-बार कहते रहे कि उनकी सरकार आने पर बिहार की सभी आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं का मानदेय दुगना किया जाएगा लेकिन सरकार बन जाने के बाद आज तक इस पर अमल नहीं किया गया है।
आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना था कि हमने लंबित मांगों के समर्थन में सरकार से इस बार आरपार की लड़ाई लड़ने की पूरी तैयारी कर ली है। मांगों को पूरा करने के लिए जहां भी धरना-प्रदर्शन की जरूरत होगी वहां किया जाएगा। हमलोग अब किसी के झूठे वादे और बहकावे में नहीं आने वाले हैं। जबतक हमलोग की बात नहीं मानी जाएगी हमलोग इस तरह का प्रदर्शन करते रहेंगे।
आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय को बढ़ाने की मांग को लेकर बिहार विधानमंडल शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। भाजपा ने सरकार पर विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए सदन के बाहर जोरदार हंगामा किया और कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा के बजाए मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम वहां से उठकर चले गए।
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आज आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को लाठियों से पीटा गया, उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई। केंद्र सरकार उन्हें 4500 रुपये हर महीने दे रही है, जो हर राज्य को मिलता है। मध्य प्रदेश में साढ़े आठ हजार रुपये राज्य सरकार देती है। महाराष्ट्र में 5600 रुपये राज्य सरकार की तरफ से आंगनबाड़ी सेविका को दिया जाता है लेकिन बिहार सरकार मात्र 1450 रुपये देती है। बिहार सरकार कम से कम आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को दस हजार रुपये मानदेय दे और इस तरह से लाठी बरसाना बंद करे।