New York: : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अमेरिका की गाजा शांति योजना को मंजूरी दी

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न्यूयॉर्क : (New York) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) ने सोमवार को अमेरिकी प्रस्ताव पारित कर दिया। इसका उद्देश्य गाजा में नाजुक युद्धविराम से आगे बढ़कर अधिक स्थायी शांति और तबाह हुए क्षेत्र के पुनर्निर्माण की ओर बढ़ना है। 15 सदस्यीय परिषद ने प्रस्ताव के पक्ष में 13-0 से मतदान किया। रूस और चीन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। दोनों ने इस प्रस्ताव को रोकने के लिए अपने वीटो का इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया।

सीएनएन चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्ताव का उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) की 20-सूत्रीय गाजा योजना को अंतरराष्ट्रीय वैधता प्रदान करना था। इस योजना के कुछ हिस्से पिछले महीने गाजा पट्टी में लागू युद्धविराम का आधार बने। अमेरिका ने इसे पारित कराने के लिए कड़ी पैरवी की। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लिखा, “कुछ ही क्षण पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अविश्वसनीय मतदान पर विश्व को बधाई। शांति बोर्ड की अध्यक्षता मैं करूंगा और विश्व के सबसे शक्तिशाली और सम्मानित नेता इसमें शामिल होंगे।”

पारित प्रस्ताव के अनुसार, अब शांति बोर्ड की स्थापना और गाजा में अस्थायी अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (International Stabilization Force) (ISF) का गठन किया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि बोर्ड के सदस्यों की घोषणा जल्द की जाएगी। कई राजनयिक सूत्रों ने कहा कि इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र का समर्थन हासिल है। इसलिए अन्य राष्ट्रों को आईएसएफ में शामिल होने में कोई बाधा नहीं आएगी।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत माइकल वाल्ट्ज (United Nations Michael Waltz) ने कहा कि आईएसएफ शांति सैनिकों का मजबूत गठबंधन होगा। इसमें इंडोनेशिया, अजरबैजान और अन्य मुस्लिम बहुल देशों के सैनिक शामिल होंगे। गाजा में एक एकीकृत कमान के तहत इनकी तैनाती होगी। गाजा की सड़कों को सुरक्षित किया जाएगा। शांति सैनिक विसैन्यीकरण की निगरानी करते हुए नागरिकों की रक्षा करेंगे। सुरक्षित गलियारों के माध्यम से सहायता पहुंचाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि मतदान से पहले वाल्ट्ज ने चेतावनी दी थी कि इस प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान का मतलब युद्ध की ओर लौटना होगा।

पश्चिमी राजनयिक सूत्रों ने बताया है कि प्रस्ताव में विस्तृत जानकारी का अभाव इसे लागू करने में मुश्किल पैदा करेगा। संक्रमणकालीन प्राधिकारी फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंपे जाने की स्पष्ट समय-सीमा न होने के कारण इसकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं। पारित प्रस्ताव में शांति बोर्ड को 2027 के अंत तक के लिए किया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि शांति बोर्ड हमास और अन्य गुटों के निशस्त्रीकरण और गाजा के पुनर्निर्माण की देखरेख करेगा। सनद रहे यह मांग इजराइल लंबे समय से करता रहा है।

इस प्रस्ताव में फिलिस्तीनी राज्य का भी उल्लेख है, लेकिन इसके लिए कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है। मसौदे में कहा गया है, ” सुधार कार्यक्रम के ईमानदारी से लागू होने और गाजा पुनर्विकास के आगे बढ़ने के बाद फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय और राज्य के दर्जे के लिए एक विश्वसनीय मार्ग के लिए परिस्थितियां अंततः तैयार हो सकती हैं।” इसमें कहा गया है, “संयुक्त राज्य अमेरिका इजराइल और फिलिस्तीनियों के बीच संवाद स्थापित करेगा ताकि शांतिपूर्ण और समृद्ध सह अस्तित्व के लिए एक राजनीतिक क्षितिज पर सहमति बन सके।” प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से बोर्ड के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया गया है।

हमास ने रविवार को कहा कि वह इस मसौदा प्रस्ताव को गाजा पर अंतरराष्ट्रीय संरक्षण (International Protection) थोपने और कब्जे के प्रति पक्षपाती दृष्टिकोण को बढ़ावा देने का एक प्रयास मानता है। सोमवार को हुए मतदान के बाद हमास ने कहा कि किसी भी स्थिरीकरण बल को गाजा पट्टी के अंदर तैनात करने से संघर्ष की आशंका बढ़ जाती है।” हमास कई अधिकारियों ने कहा कि उसकी सैन्य शाखा को निशस्त्र करने का सवाल ही नहीं पैदा होता। हमास लड़ाके गाजा में प्रतिशोध की मांग कर रहे अन्य समूहों से खुद को बचाने के लिए हल्के हथियार छोड़ने को तैयार नहीं होंगे। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu) ने रविवार को दोहराया, “गाजा का विसैन्यीकरण हर हाल में किया जाएगा। हमास को हथियारमुक्त किया जाएगा। यह काम चाहे आसानी से हो या कठिन तरीके से।