New Delhi : कश्मीर घाटी पहुंचा पहला ऑटोमोबाइल रेक, मारुति बनी देश की पहली कंपनी जिसने रेलमार्ग से गाड़ियां भेजीं

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नई दिल्ली : (New Delhi) भारतीय रेलवे ने कश्मीर घाटी को नई लॉजिस्टिक सुविधा से जोड़ते हुए एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज (Indian Railways has achieved a historic milestone by connecting the Kashmir) की है। उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल से रवाना हुआ पहला ऑटोमोबाइल रेक शुक्रवार को अनंतनाग गुड्स शेड पहुंचा। यह रेक मेसर्स मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (Maruti Suzuki India Limited’s) (एमएसआईएल) के मानेसर स्थित गति शक्ति टर्मिनल से 1 अक्टूबर को रवाना हुआ था और इसमें ब्रेज़ा, डिज़ायर, वैगन आर तथा एस-प्रेसो मॉडल की 116 से अधिक यात्री गाड़ियां शामिल थीं।

रेल मंत्रालय के (Railway Ministry) अनुसार, करीब 850 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यह ट्रेन शुक्रवार को अनंतनाग पहुंची। इस दौरान ट्रेन चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज से होकर गुज़री, जो उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का अहम हिस्सा है।

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को ग्रीन लॉजिस्टिक्स का नया अध्याय करार देते हुए एक्स पर लिखा, “मारुति सुजुकी ने ग्रीन लॉजिस्टिक्स में एक नया अध्याय शुरू किया। 100 से अधिक गाड़ियों का पहला बैच जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग टर्मिनल पहुंचा। यह गाड़ियां कंपनी के मानेसर स्थित इन-प्लांट रेलवे साइडिंग से रवाना हुईं, जिससे मारुति सुजुकी देश की पहली ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी बनी जिसने भारतीय रेलवे के ज़रिए इस क्षेत्र में वाहन भेजे। यह रेक 850 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करते हुए चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज से (world’s highest railway arch bridge over the Chenab River) गुज़रा। हम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और माननीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त करते हैं। यह ऐतिहासिक परियोजना क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन को बदलने वाली है।”

रेल मंत्रालय के अनुसार, यूएसबीआरएल परियोजना ने घाटी को देश से मज़बूत रेल संपर्क प्रदान किया है। इससे न केवल लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ी है बल्कि सड़क यातायात पर दबाव भी कम हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, इस परियोजना के उद्घाटन के बाद 30 सितंबर तक घाटी से/के लिए सेब (12,400.9 टन), सीमेंट (48,387 टन), प्लास्टिक सामान (1,341 टन) और इस्पात (716.1 टन) का परिवहन किया जा चुका है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने भी इस अवसर पर कहा कि “जम्मू–श्रीनगर रेलवे लाइन कश्मीर घाटी की जनता के लिए गेम चेंजर साबित हो रही है। सेब के बाद अब पहली बार कारों का बैच भी रेल के माध्यम से घाटी पहुंचा है।”