नई दिल्ली : (New Delhi)आयकर विभाग ने गुरुवार को कहा कि आयकर विधेयक 2025 लोकसभा में पेश किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य सभी के लिए कर प्रणाली को सरल बनाना है और यह इन मूल “सरल” सिद्धांतों पर आधारित है। नए आयकर विधेयक का मकसद मुकदमेबाजी और जटिल व्याख्या को कम करके कर निश्चितता हासिल करना है। यह विधेयक आकार में 1961 के आयकर अधिनियम का आधा है।
लोकसभा में पेश किए गए आयकर विधेयक, 2025 में 2.6 लाख शब्द हैं, जो मौजूदा आयकर अधिनियम के 5.12 लाख शब्दों से काफी कम हैं। इसमें धाराओं की संख्या भी 536 है, जबकि मौजूदा आयकर कानून में 819 प्रभावी धाराएं हैं।
विभाग ने आयकर विधेयक, 2025 के बारे में ‘अक्सर पूछे जाने वाले सवाल’ (एफएक्यू) जारी करते हुए कहा कि नए विधेयक में अध्यायों की संख्या भी 47 से आधी करके 23 कर दी गई है।
आयकर विधेयक, 2025 में 57 तालिकाएं हैं, जबकि मौजूदा आयकर अधिनियम में 18 हैं। नए विधेयक में 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण को हटा दिया गया है। इस विधयेक में छूट और टीडीएस/टीसीएस से संबंधित प्रावधानों को सारणीबद्ध प्रारूप में रखा गया है, जबकि गैर-लाभकारी संगठनों के लिए अध्याय की भाषा को सरल बनाया गया है। विधयेक के प्रारूपण में कर निश्चितता के सिद्धांतों का पालन किए जाने के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा गया कि इसके तहत मुकदमेबाजी और नई व्याख्याओं के दायरे को कम करने की कोशिश की गई है।
लोकसभा में पेश आयकर विधेयक, 2025 के मुताबिक विशेष रूप से जहां न्यायालयों ने निर्णय दिए हैं, वहां मुख्य शब्द और वाक्यांश को न्यूनतम संशोधनों के साथ बनाए रखा गया है। कई व्याख्याओं की गुंजाइश को कम करने के लिए प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है और अंतरराष्ट्रीय कराधान के विभिन्न खंडों के संबंध में कर निश्चितता सुनिश्चित की गई है। एफएक्यू में कहा गया है कि नए आयकर विधेयक में ‘कोई प्रमुख नीति-संबंधी परिवर्तन’ या कर दरों में बदलाव नहीं किया गया है।
इस विधेयक में वेतन से संबंधित प्रावधानों को समझने में आसानी के लिए एक स्थान पर समेकित किया है, ताकि करदाता को आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अलग-अलग अध्यायों का संदर्भ न लेना पड़े। ग्रेच्युटी, छुट्टी नकदीकरण, पेंशन का कम्यूटेशन, वीआरएस पर मुआवजा और छंटनी मुआवजा जैसी कटौती अब वेतन अध्याय का ही हिस्सा हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आयकर विधेयक, 2025 को पेश करते हुए कहा कि इस विधेयक में ”काफी बदलाव” किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शब्दों की संख्या 5.12 लाख से आधी कर दी गई है और धाराएं 819 से घटाकर 236 कर दी गई हैं। नए आयकर विधेयक को लोकसभा की चयन समिति के पास भेजा गया और 10 मार्च तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।