नई दिल्ली : (New Delhi) फाइनेंशियल सर्विसेज (financial services) मुहैया कराने वाली टाटा सन्स की सब्सिडरी टाटा कैपिटल के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में मामूली बढ़त के साथ एंट्री की। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 326 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग करीब 1 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 329.30 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 330 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली के दबाव में इस शेयर की चाल में थोड़ी गिरावट भी आई। सुबह 11 बजे तक का कारोबार होने के बाद कंपनी के शेयर एनएसई पर 327.25 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे।
टाटा कैपिटल (Tata Capital) का 15,511.87 करोड़ रुपये का आईपीओ 6 से 8 के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 1.96 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (qualified institutional buyers) (QIBs) के लिए रिजर्व पोर्शन 3.42 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (non-institutional investors) (NIIs) के लिए रिजर्व पोर्शन में 1.98 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 1.10 गुना और एंप्लॉयीज के लिए रिजर्व पोर्शन 2.92 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 6,846 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 26,58,24,280 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ में नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी टियर-1 कैपिटल बेस बढ़ाने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 2,945.77 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 3,326.96 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 3,655.02 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी कुल सालाना आय 44 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ कर 13,637.49 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की बात करें, तो पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 1,040.93 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ, जबकि इस अवधि में कंपनी को 7,691.65 करोड़ रुपये की कुल आय हुई।
इस दौरान कंपनी पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता गया। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी पर कर्ज 1,13,335.91 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 1,48,185.29 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज उछल कर 2,08,414.93 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की बात करें, तो पहली तिमाही के बाद यानी जून 2025 के अंत में कंपनी पर 2,11,851.60 करोड़ रुपये का कर्ज था।
इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस (company’s reserves and surplus) की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 11,899.32 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 18,121.83 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 24,299.36 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की बात करें, तो पहली तिमाही के बाद यानी जून 2025 के अंत में कंपनी के पास रिजर्व और सरप्लस में 29,260.88 करोड़ रुपये थे।