New Delhi : सुप्रीम कोर्ट का फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से इनकार, मामला दिल्ली हाई कोर्ट भेजा

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नई दिल्ली : (New Delhi) उच्चतम न्यायालय (The Supreme Court) ने उदयपुर फाइल्स फिल्म को लेकर केंद्र सरकार की ओर से किए गए बदलाव पर विचार करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय (Udaipur Files film to the Delhi High Court for consideration of the changes made by the Central Government) काे भेज दिया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने फिल्म पर लगी (The bench headed by Justice Suryakant)अंतरिम रोक को बढ़ाने से इनकार करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वे 28 जुलाई को इस मामले पर विचार करे।

सुनवाई के दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (senior advocate Kapil Sibal) ने कहा कि अगर फिल्म की रिलीज की अनुमति दी गई, तो इस मामले का कोई मतलब ही नहीं रहेगा। सिब्बल की इस दलील का फिल्म के प्रोड्यूसर जानी फायरफॉक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के वकील गौरव भाटिया ने (Gaurav Bhatia, the lawyer of the film’s producer Jani Firefox Media Private Limited) विरोध किया। भाटिया ने कहा कि फिल्म में बदलाव के केंद्र सरकार के आदेश के बाद अब फिल्म की रिलीज को रोकने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि फिल्मों के रिलीज को रोकने के खिलाफ कोर्ट का एक सुसंगत रवैया रहा है और कश्मीर फाइल्स और केरला स्टोरी में कोर्ट ने अपना रुख बताया था।

सुनवाई के दौरान फिल्म के प्रोड्यूसर के एक और वकील डॉ. सैयद रिजवी (Dr. Syed Rizvi) ने कहा कि देश का सामाजिक तानाबाना इतना मजबूत है कि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों से प्रभावित नहीं हुई। उन्होंने कहा कि क्या कश्मीर फाइल्स के बाद कुछ हुआ। क्या मुस्लिम को टारगेट किया गया। क्या कश्मीरी मुसलमानों को निशाना बनाया गया। मदनी को कानून समझना चाहिए। 26 नवंबर के मुंबई पर आतंकी हमले के बाद भी सामाजिक तानाबाना नहीं बिगड़ा।

केंद्र सरकार ने 21 जुलाई को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि उसने फिल्म में छह बदलाव किए हैं। उसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि केंद्र के फैसले पर दो दिनों में आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार ने याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन पर फैसला कर लिया है। इस फिल्म में डिस्क्लेमर को बोल्ड करने समेत छह बदलाव किए गए हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 10 जुलाई को फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को रिलीज करने पर अंतरिम रोक (On July 10, the Delhi High Court had imposed an interim stay on the release of the film ‘Udaipur Files’) लगा दिया था। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया था कि वो फिल्म को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष 14 जुलाई तक अपनी आपत्ति दर्ज कराएं। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता की आपत्ति मिलने के बाद उस पर एक हफ्ते में फैसला करें। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि केंद्र सरकार के फैसला आने तक फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक जारी रहेगी।

उच्चतम न्यायालय में याचिका जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने दायर की थी। जमीयत के वकील फुजैल अहमद अययुबी ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि फिल्म के ट्रेलर में पैगम्बर मोहम्मद और उनकी पत्नियों के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की गई है। फिल्म के ट्रेलर में नूपुर शर्मा का विवादित (film’s trailer also includes Nupur Sharma’s controversial statement) बयान भी शामिल है। याचिका में कहा गया था कि फिल्म में देवबंद को कट्टरवाद का अड्डा बताया गया है और वहां के उलेमा के विरुद्ध जहर उगला गया है।