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New Delhi : एसएंडपी ने भारत की रेटिंग परिदृश्य ‘स्थिर’ से बढ़ाकर ‘सकारात्मक’ किया

नई दिल्ली : (New Delhi) एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने भारत के साख (S&P Global Rating has raised India’s credit) (रेटिंग) परिदृश्य को ‘स्थिर’ से बढ़ाकर ‘सकारात्मक’ कर दिया है। इसके साथ ही मजबूत वृद्धि और सरकारी व्यय की बेहतर गुणवत्ता के आधार पर रेटिंग को ‘बीबीबी-’ (BBB-) पर बरकरार रखा है।

रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने बुधवार को जारी बयान में बताया कि भारत के लिए परिदृश्य को ‘स्थिर’ से संशोधित कर ‘सकारात्मक’ कर दिया गया है। इसके साथ ही एजेंसी ने ‘बीबीबी-’ दीर्घकालिक और ‘ए-3’ अल्पकालिक विदेशी तथा स्थानीय मुद्रा सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग की पुष्टि की है। एजेंसी ने पिछली बार 2010 में रेटिंग परिदृश्य को ‘नकारात्मक’ से बढ़ाकर ‘स्थिर’ किया था।

एसएंडपी ने कहा कि यदि भारत सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीति अपनाता है, जिससे सरकार के बढ़े हुए कर्ज तथा ब्याज के बोझ में कमी आती है और आर्थिक जुझारू क्षमता बढ़ती है, तो वह अगले दो साल में भारत की साख को बढ़ा सकती है। एजेंसी ने कहा कि यदि भारत का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सात फीसदी से नीचे आ जाता है, तो वह रेटिंग बढ़ा सकती है।

क्या होता है क्रेडिट रेटिंग और इसका काम

क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां कंपनियों और सरकारों को उनके क्रेडिट जोखिम के आधार पर ‘एएए’ से ‘डी’ तक की रेटिंग देती हैं। फिच रेटिंग के लिए रेटिंग उच्चतम निवेश ग्रेड AAA से लेकर निम्नतम निवेश ग्रेड BBB तक काम करती है, जबकि D सबसे कम सट्टा ग्रेड को दर्शाता है। फिच की तरह ही एसएंडपी के लिए भी यही बात लागू होती है।

‘बीबीबी-’ सबसे निचली निवेश श्रेणी की रेटिंग है। दुनिया की तीन प्रमुख वैश्विक रेटिंग एजेंसियों एसएंडपी, फिच और मूडीज ने भारत को सबसे निम्न निवेश ग्रेड की रेटिंग दी है। हालांकि, फिच और मूडीज ने अपनी रेटिंग अब भी ‘स्थिर’ परिदृश्य कायम रखा है। निवेशक इन रेटिंग को देश की साख के मापदंड के तौर पर देखते हैं, इसका उधार लेने की लागत पर प्रभाव पड़ता है।

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