New Delhi : अंतरराष्ट्रीय बाजार में 16 प्रतिशत फिसली चांदी, सोने के दाम में 11 फीसदी की गिरावट

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भारतीय बाजार में भी दोनों चमकीली धातुओं के भाव में बड़ी गिरावट दर्ज की गई
नई दिल्ली : (New Delhi)
पिछले कुछ महीने के दौरान लगातार तेजी का रुख दिखाने के बाद सोना और चांदी दोनों धातुओं की कीमत में तेज गिरावट (the prices of both gold and silver have begun a sharp decline) का दौर शुरू हो गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना अपने सर्वोच्च स्तर से करीब 11 प्रतिशत गिर (11 percent from its peak in the international market) गया है। इसी तरह चांदी की कीमत भी अपने शिखर से 16 प्रतिशत नीचे आ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में आई जोरदार गिरावट की वजह से भारतीय बाजार में भी इन दोनों चमकीली धातुओं के भाव में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump’s) द्वारा दुनिया के कई देशों पर मनमाने तरीके से टैरिफ का बोझ डालने की वजह से दुनिया भर के निवेशकों में डर का माहौल बन गया था। इसके साथ ही दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने की वजह से भी निवेशकों ने इक्विटी मार्केट से पैसे निकाल कर सेफ इन्वेस्टमेंट के रूप में सोना और चांदी जैसी धातुओं में अपना निवेश बढ़ा दिया था। आर्थिक मोर्चे पर बनी घबराहट के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में काफी तेजी आ गई थी। सोना 4,381.58 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई तक पहुंच गया था। इसी तरह चांदी ने भी 54 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच कर मजबूती का नया रिकॉर्ड बनाया था।

अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख में आई नरमी और ग्लोबल मार्केट में बने डर के माहौल कम होने के कारण निवेशको ने एक बार फिर तुलनात्मक रूप से अधिक जोखिम वाले इक्विटी मार्केट में अपना निवेश बढ़ा दिया है। इक्विटी मार्केट में निवेश बढ़ने के कारण अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी दोनों चमकीले धातुओं की कीमत में गिरावट आने लगी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना आज गिर कर 3,886.96 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक आ गया। इसी तरह चांदी की कीमत भी आज गिर कर 46 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर आ गई है। इस तरह सोना सर्वोच्च स्तर से 11 प्रतिशत टूट गया है। वही चांदी की कीमत भी लगभग 16 प्रतिशत कम हो गई है।

बुलियन मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन के (bullion market expert Mayank Mohan) अनुसार अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर बने तनाव में कमी आने के कारण निवेशकों ने अब सोना और चांदी जैसे सेफ ऐसेट से अपना पैसा निकाल कर इक्विटी मार्केट और बॉन्ड मार्केट में लगना शुरू कर दिया है। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन दोनों चमकीली धातुओं की उपलब्धता बढ़ने से मांग घट गई है, इसीलिए इनकी कीमतों में गिरावट का रुख बन गया है। इसी तरह अमेरिकी कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजे के कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग (US Federal Reserve’s policy meeting) के पहले ही डॉलर में तेजी का रुख बन गया है। डॉलर की मजबूती का प्रत्यक्ष असर सोना और चांदी की मांग में कमी के रूप में सामने आता है। इस वजह से भी इन दोनों चमकीली धातुओं की कीमत में गिरावट का रुख बना है।

इस संबंध में टीएनवी फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ तारकेश्वर नाथ वैष्णव (Tarkeshwar Nath Vaishnav, CEO of TNV Financial Services) का कहना है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान सोना और चांदी के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे। इस वजह से कई निवेशकों ने अब मुनाफा वसूली शुरू कर दी है, जिसके कारण इन दोनों चमकीली धातुओं की कीमत पर दबाव बढ़ गया है। इसके अलावा चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड में पिछले हफ्ते आई कमी भी इस चमकीली धातु की कीमत में आई गिरावट की एक बड़ी वजह बताई जा रही है।

इन तमाम फैक्टर्स के साथ ही सोने और चांदी की कीमत में आई तेज गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील को लेकर बनी उम्मीद को भी माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि दोनों देशों ने ट्रेड डील के समझौते का फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। दावा ये भी किया जा रहा है कि इसी सप्ताह डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच होने वाली प्रस्तावित मुलाकात में ट्रेड डील को लेकर बड़ा फैसला भी हो सकता है।

कैपेक्स गोल्ड एंड इन्वेस्टमेंट्स के सीईओ राजीव दत्ता का (Rajeev Dutta, CEO of Capex Gold & Investments) कहना है कि अमेरिका और चीन के रिश्तों में सुधार की संभावना ने गोल्ड और सिल्वर मार्केट के सपोर्ट बेस को कमजोर कर दिया है। दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की उम्मीद की वजह से निवेशकों ने सेफ इन्वेस्टमेंट एसेट्स में खरीदारी कम कर दी है। बड़ी संख्या में निवेशकों ने गोल्ड और सिल्वर जैसे सेफ इन्वेस्टमेंट एसेट्स को बेचकर अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया है और अब उनका ध्यान स्टॉक मार्केट की ओर बढ़ गया है।

राजू दत्ता के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप के रुख में नरमी आने और चीन और अमेरिका के बीच संबंध सुधरने की उम्मीद बनने के बाद से ही दुनिया भर के शेयर बाजारों में आमतौर पर तेजी का रुख बना हुआ है। भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर अपने सर्वोच्च स्तर के काफी करीब पहुंचा हुआ है इसी तरह जापान का निक्केई इंडेक्स 50,500 अंक के स्तर को पार कर गया है। इसके साथ ही तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में वृद्धि करने की योजना के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में भी गिरावट आई है। ऐसे माहौल में निवेशकों के लिए फिलहाल सोना और चांदी कम आकर्षक वाला इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट बन गया है। इसी वजह से सोना और चांदी दोनों चमके धातुओं की कीमत में गिरावट आ रही है।