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New Delhi : पृथ्वी-2 मिसाइल एक बार फिर बेजोड़ साबित , रात्रि परीक्षण में साधा सटीक निशाना

सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदकर फिर एक बार अपनी उपयोगिता साबित की
सतह से सतह पर 350 किमी. रेंज की मिसाइल में ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए
नई दिल्ली : (New Delhi)
भारत ने ओडिशा तट के पास एक रक्षा सुविधा से गुरुवार परमाणु क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 (ballistic missile Prithvi-2) का रात्रि परीक्षण किया। डीआरडीओ में विकसित यह मिसाइल 350 किलोमीटर की दूरी तक सटीक मार करने में सक्षम है। पृथ्वी-2 मिसाइल ने सफल परीक्षण में उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदकर फिर एक बार अपनी उपयोगिता साबित की।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार पृथ्वी-2 मिसाइल का रात्रि परीक्षण प्रक्षेपण एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर, ओडिशा से शाम को लगभग 07.46 बजे किया गया। परमाणु संपन्न कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ने सफल परीक्षण में उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदकर फिर एक बार अपनी उपयोगिता साबित की। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सभी तय परिचालन और तकनीकी मानकों को पूरा किया। मिसाइल का परीक्षण एक नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत किया गया।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल को स्वदेशी तरीके से विकसित किया है। पृथ्वी-2 मिसाइल प्रणाली बेहद कामयाब मानी जाती है और बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ निर्धारित लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। रात्रि प्रक्षेपण में मिसाइल सभी परिचालन और तकनीकी मानकों पर खरी साबित हुई । अधिकारियों ने कहा कि यह अत्याधुनिक मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने के लिए उन्नत जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग करती है।

डीआरडीओ के मुताबिक 350 किमी. रेंज तक हमला करने वाली इस मिसाइल को एक मोबाइल लांचर से दागा गया। पृथ्वी-2 मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है। यह 500 से 1,000 किलोग्राम भार तक हथियार लेकर जाने में सक्षम है। सतह से सतह पर साढ़े तीन सौ किलोमीटर मार करने वाली इस मिसाइल में तरल और ठोस ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं। इसे तरल और ठोस दोनों तरह के ईंधन से संचालित किया जाता है। मिसाइल के प्रक्षेपण पथ पर ट्रैकिंग प्रणाली और टेली मैट्रिक केंद्रों से नजर रखी गई।

परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा आईटीआर से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। पिछले साल 10 जनवरी को किए गए परीक्षण में भी मिसाइल ने सभी तय परिचालन और तकनीकी मानकों को पूरा किया था। इससे पहले 15 जून, 2022 को किये गए परीक्षण में भी पृथ्वी-2 मिसाइल प्रणाली ने सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदकर अपनी उपयोगिता साबित की थी।

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