नई दिल्ली : (New Delhi) राजधानी दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं से निपटने के लिए दिल्ली यातायात पुलिस ने विभिन्न उपाय लागू किए हैं। इनमें लापरवाही से ड्राइविंग और शराब पीकर गाड़ी चलाने के लिए एक प्रभावी प्रवर्तन तंत्र स्थापित करना, वास्तविक समयावधि में आंकड़ों का विश्लेषण, चालक शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाना शामिल है। इसके साथ ही आधुनिक तकनीक का उपयोग करना और सड़क इंजीनियरिंग के मुद्दों में सुधार के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग करना शामिल है।
दिल्ली यातायात पुलिस के अनुसार दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारक सड़क इंजीनियरिंग के मुद्दों के परिणामस्वरूप होता है, जहां गति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बढ़ी हुई गति ब्रेकिंग दूरी को कम करते हुए दृश्यता के क्षेत्र को सीमित करती है और प्रतिक्रिया करने के समय को कम करती है। इससे अक्सर घातक दुर्घटनाएं होती हैं। इसे स्वीकार करते हुए दिल्ली यातायात पुलिस ने अपने प्रवर्तन उपायों को तेज कर दिया है, जिसमे विशेष अभियान, फील्ड सर्वेक्षण आदि शामिल हैं। इन सामूहिक पहलों ने दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को कम करने पर सकारात्मक प्रभाव दिखाया है, जो दिल्ली में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए समन्वित प्रयासों के महत्व पर जोर देता है।
पुलिस के मुताबिक 2022 और 2023 में 31 अक्टूबर तक हुई घातक दुर्घटनाओं की कुल संख्या की तुलना करते समय निम्नलिखित आंकड़े सामने आते हैं। 2022 में हुई कुल 4646 दुर्घटनाओं में 1197 घातक दुर्घटनाएं थीं, जिसके परिणामस्वरूप 1225 लोगों की मृत्यु हुई। इसके मुकाबले 2023 में 4803 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें 1141 को घातक दुर्घटनाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिससे 1175 की जनहानि हुई। 2023 में घातक दुर्घटनाओं की कुल संख्या में 4.74 फीसदी की कमी आई, साथ ही 2022 की तुलना में मृतकों की संख्या में 3.27 फीसदी की कमी आई।
2019 से 2022 तक दिल्ली यातायात पुलिस के समर्पित प्रयासों के कारण दिल्ली में सकारात्मक सड़क सुरक्षा प्रवृत्ति देखी गई। 2019 में 1433 घातक दुर्घटनाओं ने 1463 लोगों की जान ली और 5152 घायल हुए। 2020 में घातक दुर्घटनाएं घटकर 1163 हो गईं जिससे 267 लोगों की जान बचाई गई। विशेष रूप से महिला हताहतों की संख्या में कमी आई और घायलों की कुल संख्या घटकर 3662 हो गई। 2021 में यह प्रवृत्ति 1206 घातक दुर्घटनाओं के साथ जारी रही, जिससे मरने वालों की संख्या घटकर 1239 हुई। 2022 में घातक दुर्घटनाएं थोड़ी बढ़कर 1428 हो गईं। मरने वाले व्यक्तियों की संख्या 1461 रही। इसका मतलब है कि दुर्घटनाओं की बेहतर रिपोर्टिंग और जागरूकता बढ़ी है, जिससे अधिकारियों को इन दुर्घटनाओं से कुशलता पूर्वक निपटने मे सहायता मिली है।
2022 और 2023 के पखवाड़ों के आंकड़ों के तुलनात्मक विश्लेषण में घातक दुर्घटनाओं और मृतक की मिश्रित प्रवृत्ति का पता चलता है। 2022 की इसी अवधि की तुलना में 2023 में साल के शुरुआती महीनों (जनवरी और फरवरी) के दौरान घातक दुर्घटनाओं में मामूली वृद्धि हुई थी। हालांकि जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा, 2023 में घातक दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आने लगी, खासकर दूसरी तिमाही (अप्रैल से जून) के दौरान।
इसके विपरीत 2023 में मारे गए व्यक्तियों की संख्या अपेक्षाकृत सुसंगत रही या 2022 की तुलना में थोड़ी कम हो गई। यह दर्शाता है कि गंभीर दुर्घटनाओं की संख्या कम हुई है। विशेष रूप से 2023 की दूसरी तिमाही में घातक दुर्घटनाओं और मारे गए व्यक्तियों की संख्या में कमी देखी गई।