New Delhi : पीयूष गोयल ने पीएलआई योजना पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

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नई दिल्ली : (New Delhi) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बैठक के दौरान पीएलआई योजना के तहत आने वाले प्रमुख क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की जरूरत पर जोर दिया।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) ने बुधवार को एक बयान में बताया कि पीयूष गोयल ने यह विचार पीएलआई योजना की समीक्षा बैठक के दौरान व्‍यक्‍त किए। केंद्रीय मंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि भारत को उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिनमें भारत को अन्य देशों के मुकाबले प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल है। उन्होंने कहा कि विभिन्न हितधारकों के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करना चाहिए, ताकि देश का निर्यात बढ़ सके। यह योजना विनिर्माण क्षेत्र में भारत को “आत्मनिर्भर” बनाने की दिशा में उल्लेखनीय पहलों में से एक है। गोयल ने पीएलआई योजना के तहत आने वाले प्रमुख क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि मंत्रालयों को मात्रा पर ध्यान देने के बजाय गुणवत्तापूर्ण कुशल जनशक्ति बनाने पर ध्यान देना चाहिए और एनआईसीडीसी के साथ मिलकर बुनियादी ढांचे की बाधाओं को दूर करना चाहिए। उन्होंने निवेश और संवितरण दोनों पर अगले पांच वर्षों के लिए प्रारूप तैयार करने पर बल दिया। इस बैठक में सभी संबंधित मंत्रालयों ने भाग लिया। गोयल ने प्रमुख क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता और निर्यात प्रतिस्पर्धा की जरूरत पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री ने कौशल पहलों में मात्रा की अपेक्षा गुणवत्ता पर भी बल दिया।

मंत्रालय के मुताबिक पीएलआई योजना 14 प्रमुख क्षेत्रों में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है। इस योजना में 1.76 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे मार्च 2025 तक 16.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का उत्पादन, बिक्री और 12 लाख से अधिक (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) रोजगार सृजित हुए हैं। इसके अलावा पीएलआई योजनाओं के तहत 12 क्षेत्रों अर्थात व्‍यापक स्‍तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण (एलएसईएम), आईटी हार्डवेयर, बल्क ड्रग्स, चिकित्सा उपकरण, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण, व्हाइट गुड्स, ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक, विशेष इस्पात, कपड़ा और ड्रोन और ड्रोन घटक के लिए 21,534 करोड़ रुपये की संचयी प्रोत्साहन राशि वितरित की गई है।

उल्‍लेखनीय है कि सरकार ने 2021 में 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की थी। भारत में विभिन्न क्षेत्रों में पीएलआई योजनाओं का प्रभाव महत्वपूर्ण रहा है। इन योजनाओं ने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित किया है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है, रोजगार सृजन हुआ है और निर्यात को बढ़ावा मिला है।