NEW DELHI : 26 नवंबर को एसकेएम करेगी राष्ट्रव्यापी “राजभवन मार्च”

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एसकेएम ने 19 नवंबर को “फ़तह दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की

नई दिल्ली : संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर 26 नवंबर को भारत के सभी किसानों से देश भर में “राजभवन मार्च” आयोजित करने और संबंधित राज्यपालों के माध्यम से “भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन” सौंपने का आह्वान किया।
एसकेएम की राष्ट्रीय परिषद ने 14 नवंबर 2022 को नई दिल्ली स्थित रकाबगंज गुरुद्वारा में एक बैठक की और मोदी सरकार द्वारा 9 दिसंबर 2022 को, लगभग एक वर्ष पहले, कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी, बिजली बिल की वापसी आदि के लिखित आश्वासनों को लागू नहीं कर किसानों को धोखा देने की कड़ी निंदा की। बैठक में सभी घटक संगठनों को देश भर में संघर्ष को और तेज करने के लिए तैयार रहने की सलाह देने का संकल्प लिया गया। यह किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक ढवलेने कहा
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पत्रकार परिषद लेकरं आंदोलन जाहीर किया!प्रेस कॉन्फ्रेंस को दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला, युधवीर सिंह, अविक साहा और अशोक ढवले ने संबोधित किया।

राष्ट्रव्यापी “राजभवन मार्च” किसानों के विरोध के अगले चरण की शुरुआत का प्रतीक है। इसलिए, एसकेएम ने सभी किसानों से अपील की कि वे “कर्ज मुक्ति – पूरा दाम” सहित सरकार द्वारा सभी मांगें पूरी होने तक निरंतर और प्रतिबद्ध देशव्यापी संघर्ष के लिए तैयार रहें। सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी और कर्ज मुक्ति वह प्रमुख मांगें हैं, जिनके लिए किसान नव-उदारवादी नीतियों, जिसने कृषि संकट और किसानों की आत्महत्याओं को बढ़ा दिया, के लागू होने के बाद से संघर्ष कर रहे हैं। 1995 से, भारत में 4 लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है और लगभग 68% किसान परिवार कर्ज और वित्तीय संकट में हैं। इन मांगों के साथ-साथ तीन कॉर्पोरेट-समर्थक कृषि कानूनों और बिजली विधेयक 2020 को रद्द करने की मांगों के लिए 26-27 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर एक साल लंबा ऐतिहासिक किसान आंदोलन हुआ, जिसे भारत की मेहनतकश जनता के सभी वर्गों ने सक्रिय रूप से समर्थन दिया। एसकेएम की अगली बैठक 8 दिसंबर को करनाल में होनी है जिसमें आंदोलन के अगले चरण का फैसला और घोषणा किया जाएगी। यह जानकारी ढवले ने दी।

किसानों से किए गए सभी मांगें पूरी होने तक एसकेएम देश के समस्त किसानों से निरंतर और प्रतिबद्ध संघर्ष में शामिल होने की अपील करता है! सीटू+50% न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित किसानों की मांगों पर मोदी सरकार द्वारा शर्मनाक विश्वासघात का एसकेएम दृढ़ संकल्प के साथ मुकाबला करेगा। यह आवाहन डॉ. ढवले ने किया है।