New Delhi : अब 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले लक्जरी सामान पर एक फीसदी लगेगा टीसीएस

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नई दिल्ली : (New Delhi) हैंडबैग, कलाई घड़ी, जूते और खेलकूद के कपड़े जैसे 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले लक्जरी सामानों पर अब एक फीसदी स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) लगेगा। आयकर विभाग ने बुधवार को 22 अप्रैल से विलासितापूर्ण वस्तुओं की बिक्री पर 1 फीसदी की दर से टीसीएस लगाने से जुड़ी अधिसूचना जारी की है।

आयकर विभाग के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) (सीबीडीटी) ने अधिसूचना जारी की है, जिसमें उन विलासिता वस्तुओं की सूची निर्दिष्ट की गई है, जिन पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) लगाया जाएगा। विभाग ने 22 अप्रैल, 2025 को जारी अधिसूचना में कहा है कि नए नियम प्रकाशन की तिथि से प्रभावी होंगे। इसलिए, 22 अप्रैल, 2025 से उल्लिखित विलासिता वस्तुओं से कर वसूला जाएगा।

सीबीडीटी ने इस संबंध में दो अधिसूचनाएं जारी की हैं। पहली अधिसूचना लग्जरी वस्तुओं की प्रकृति से संबंधित है, जबकि दूसरी अधिसूचना टैक्‍स की दर और खरीद की सीमा से संबंधित है, जिसके ऊपर कर लगाया जाएगा। आयकर विभाग के मुताबिक यह अधिसूचना कर आधार का विस्तार करने तथा अधिक वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के व्यापक नीतिगत उद्देश्य को दर्शाती है। विभाग के मुताबिक 22 अप्रैल से 10 लाख रुपये से अधिक की विशिष्ट लक्जरी वस्तुओं की बिक्री पर एक फीसदी की दर से टीसीएस की प्रयोज्यता को अधिसूचित किया गया है।

अधिसूचना के मुताबिक टीसीएस एकत्र करने का दायित्व विक्रेता पर होगा, जो अधिसूचित वस्तुओं जैसे कलाई घड़ी, कला वस्तुएं जैसे पेंटिंग, मूर्तियां और प्राचीन वस्तुएं, संग्रहणीय वस्तुएं जैसे सिक्के और टिकट, नौकाएं, हेलीकॉप्टर, लक्जरी हैंडबैग, धूप के चश्मे, जूते, उच्च श्रेणी के खेल परिधान और उपकरण, होम थिएटर सिस्टम और रेसिंग या पोलो के लिए घोड़े आदि के संबंध में होगा। उदाहरण के तौर पर बिक्री राशि के 1 फीसदी की दर से टैक्‍स वसूला जाएगा। इसका मतलब यह है कि अगर आप कोई खास लग्जरी गुड्स खरीदते हैं, जिसकी कीमत मान लीजिए, 30 लाख रुपये है तो विक्रेता खरीदार से बिक्री पर 30 हजार रुपये कर वसूलेगा।