New Delhi : असम में एनएच-715 होगा चार लेन, काजीरंगा में बनेगा एलिवेटेड कॉरिडोर

0
32

नई दिल्ली : (New Delhi) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने असम में राष्ट्रीय राजमार्ग-715 (पूर्व में एनएच-37) के कलियाबोर-नुमालीगढ़ खंड को चार लेन करने की परियोजना को मंजूरी दे दी। यह परियोजना 85.675 किलोमीटर लंबे खंड पर लागू होगी। इसकी कुल लागत 6,957 करोड़ रुपये तय की गई है। निर्माण कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड पर किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने बताया कि इस परियोजना में जानवरों का सुरक्षित आवागमन के लिए काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) से गुजरने वाले मार्ग पर वन्यजीवों के लिए अनुकूल लगभग 34.45 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, 30.22 किलोमीटर मौजूदा सड़क को दो लेन से चार लेन में परिवर्तित किया जाएगा और 11.5 किलोमीटर जाखलाबंधा बाईपास तथा 9.5 किलोमीटर बोकाखाट ग्रीनफील्ड बाईपास का निर्माण किया जाएगा। यह सड़क एनएच-127, एनएच-129 और राज्य राजमार्ग-35, तीन हवाई अड्डे (तेजपुर, लखीमपुर, जोरहाट) और तीन रेलवे स्टेशन (नगांव, जागीरोड, बिश्वनाथ चारियाली) जैसी कई अहम जगहों को जोड़ेगी।

निर्माण कार्य के दौरान लगभग 15.42 लाख मानव-दिन प्रत्यक्ष और 19.19 लाख मानव-दिन अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान (approximately 15.42 lakh man-days of direct employment and 19.19 lakh man-days of indirect employment are estimated) है। परियोजना के पूरा होने पर यह क्षेत्रीय आर्थिक विकास, पर्यटन को प्रोत्साहन और वन्यजीव संरक्षण को एक साथ संतुलित रूप से आगे बढ़ाएगी। वर्ष 2025-26 तक इस मार्ग पर 13,800 पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) का औसत दैनिक यातायात (एएडीटी) अनुमानित है।

इस परियोजना से देओपरगढ़ पुरातात्विक स्थल, काकोजान जलप्रपात और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बाबा थान (नुमालीगढ़), महा मृत्युंजय मंदिर (नगांव) और हाटिमुरा मंदिर (नगांव) जैसे स्थलों तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इसके अलावा यह मार्ग करबी आंगलोंग और तिवा वोक्का जैसे जनजातीय क्षेत्रों, तथा नगांव मत्स्य क्लस्टर जैसे आर्थिक केंद्रों को भी जोड़ने का कार्य करेगा। साथ ही यह गुवाहाटी, नगांव, गोलाघाट, नुमालीगढ़ और जोरहाट जैसे बड़े शहरों और कस्बों से संपर्क मजबूत करेगा।