नई दिल्ली : (New Delhi) सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एसआरएफटीआई) की एक छात्र फिल्म “ए डॉल मेड अप ऑफ क्ले” को 78वें फेस्टिवल डे कान्स 2025 में प्रतिष्ठित ला सिनेफ सेक्शन में जगह मिली है। इस श्रेणी में एकमात्र भारतीय प्रविष्टि के रूप में यह फिल्म भारत की सिनेमाई शिक्षा यात्रा में एक महत्वपूर्ण है। फ्रांस में 13 से 22 मई 2025 तक कांस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होगा।
शनिवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से जारी की गई जानकारी में बताया गया है कि एसआऱएफटीआई के फिल्म और टेलीविजन विभाग के तहत निर्मित यह 23 मिनट की प्रयोगात्मक फिल्म सीमा पार सहयोग को दर्शाती है। छात्र साहिल मनोज इंगले द्वारा निर्मित और आईसीसीआऱ अफ्रीकी छात्रवृत्ति के तहत इथियोपियाई छात्र कोकोब गेब्रेहावेरिया टेस्फ़े द्वारा निर्देशित यह फिल्म वैश्विक सिनेमाई नवाचार का उदाहरण है। कान्स में ला सिनेफ़ में प्रतिस्पर्धा करने वाली यह फिल्म शीर्ष वैश्विक फिल्म स्कूलों से उभरती प्रतिभाओं को उजागर करती है।
क्या है फिल्म की कहानी
महत्वाकांक्षा से प्रेरित होकर एक युवा नाइजीरियाई एथलीट भारत में एक पेशेवर फुटबॉलर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने पिता की ज़मीन बेच देता है। हालांकि, करियर खत्म करने वाली चोट उसे एक अपरिचित देश में निराशा में ढकेल देती है। शारीरिक दर्द, भावनात्मक आघात और पहचान के संकट से वह अपने पूर्वजों की आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ता है, मुक्ति और अर्थ पाता है।