Wednesday, September 27, 2023
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New Delhi : ‘भारत: लोकतंत्र की जननी’ प्रदर्शनी ने जी 20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को कराया देश की लोकतांत्रिक परंपराओं से रूबरू

नई दिल्ली : जी 20 शिखर सम्मेलन में भारतीय संस्कृति एवं समृद्ध परंपराओं से विदेशी मेहमानों को रूबरू कराने के मकसद से संस्कृति मंत्रालय ने कल्चर कॉरिडोर बनाया जिसे राष्ट्राध्यक्षों ने बहुत सराहा। 8-10 सितंबर के दौरान जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए आईटीपीओ के हॉल नंबर 14 में ‘भारत: लोकतंत्र की जननी’ पर लगाई गई एक प्रदर्शनी में देश की लोकतांत्रिक परंपराओं को प्रदर्शित किया।

सोमवार को संस्कृति मंत्रालय ने मीडिया को इस प्रदर्शनी का अवलोकन करवाया। प्रदर्शनी का एक प्रमुख आकर्षण सिंधु सरस्वती सभ्यता की एक लड़की की 5 फुट लंबी, 120 किलोग्राम कांस्य प्रतिकृति रही, जो हॉल के केंद्र में एक ऊंचे पोडियम पर घूमती, आत्मविश्वास से भरी, आत्म-आश्वस्त दिखाई देती है। इसकी वास्तविक ऊंचाई 10.5 सेमी है।

लोकतंत्र के इतिहास को 26 इंटरैक्टिव पैनलों के माध्यम से दिखाया गया है जिसके बारे में जानकारी 16 अलग-अलग विदेशी भाषा में ऑडियो के माध्यम से सुना जा सकता है। इस प्रदर्शनी के क्यूरेटर और इंदिरा गांधी कला केन्द्र के सचिव सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि लोकतंत्र भारत में सदियों पुरानी अवधारणा है। भारतीय परंपराओं के अनुसार लोकतंत्र में, समाज में स्वतंत्रता, स्वीकार्यता, समानता और समावेशिता के मूल्य शामिल हैं और यह आम नागरिकों को गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन जीने की अनुमति देता है।

इस ऋग्वेद और अथर्ववेद जैसे पवित्र ग्रंथों लोकतंत्र का सार है जिसमें बताया गया है कि शासन करने का अधिकार योग्यता या आम सहमति के माध्यम से अर्जित किया जाता है और वंशानुगत नहीं होता है। परिषद और समिति जैसी विभिन्न लोकतांत्रिक संस्थाओं में मतदाता की वैधता पर निरंतर चर्चा होती रही है। भारतीय लोकतंत्र वास्तव में सत्यता, सहयोग, लोगों की सच्चाई, शांति, सहानुभूति और सामूहिक शक्ति की एक उत्सव घोषणा है।

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