New Delhi : अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में आरोप तय करने पर 12 अगस्त को सुनवाई

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नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट (Delhi’s Rouse Avenue Court) ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Union Minister Gajendra Singh Shekhawat) की ओर से राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (former Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot.) के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में आरोप तय करने पर सुनवाई टाल दी है। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने 12 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई का आदेश दिया।

आज सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि इससे जुड़ा मामला दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित है। जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 12 अगस्त को करने का आदेश दिया। सेशंस कोर्ट ने 13 दिसंबर को एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट से अशोक गहलोत को जारी समन के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी। अशोक गहलोत ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां मामला अभी लंबित है।

19 सितंबर 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अशोक गहलोत की बरी करने की मांग खारिज कर दी थी। कोर्ट ने 6 जुलाई 2023 को बतौर आरोपित अशोक गहलोत को समन जारी किया था। दिल्ली पुलिस ने 25 मई 2023 को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी। इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कोर्ट में दिए बयान में कहा था कि संजीवनी घोटाले से उनका कोई संबंध नहीं है। शेखावत ने कहा था कि जांच एजेंसियों ने उन्हें आरोपित नहीं माना, उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। शेखावत ने कहा था कि अशोक गहलोत ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए।

याचिका में कहा गया है कि अशोक गहलोत ने सार्वजनिक बयान दिया कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी घोटाले में शेखावत के खिलाफ स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में आरोप साबित हो चुका है। याचिका में कहा गया है कि गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी कोआपरेटिव सोसायटी ने करीब एक लाख लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली। इस घोटाले में करीब नौ सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।

याचिका में कहा गया कि गहलोत ने शेखावत का नाम एक ऐसी कोऑपरेटिव सोसाइटी के साथ जोड़कर चरित्र हनन करने की कोशिश की, जिसका न तो वे और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य उस सोसायटी में जमाकर्ता है।