New Delhi : पांच वर्षों में 7.08 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई : पंकज चौधरी

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नई दिल्‍ली : (New Delhi) केंद्रीय जीएसटी के क्षेत्रीय अधिकारियों ने वित्त वर्ष 2024-25 तक पिछले पांच वर्षों में लगभग 7.08 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी का पता लगाया है, जिसमें लगभग 1.79 लाख करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (input tax credit) (ITC) की धोखाधड़ी भी शामिल है।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Union Minister of State for Finance Pankaj Chaudhary) ने सोमवार को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। पंकज चौधरी की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार अकेले वित्त वर्ष 2024-25 में सीजीएसटी के क्षेत्रीय अधिकारियों ने 2.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) (GST) चोरी का पता लगाया है। वित्त राज्य मंत्री ने सदन को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में जीएसटी चोरी के 30,056 मामलों का पता चला। इनमें आधे से अधिक या 15,283 मामले आईटीसी धोखाधड़ी से संबंधित थे। इन मामलों में 58,772 करोड़ रुपये की कर चोरी की गई थी। उन्‍होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में सीजीएसटी फील्ड अधिकारियों (CGST field officers) की ओर से 2.30 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया गया। इसमें 36,374 करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी शामिल थी।

चौधरी ने सदन को बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 1.32 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला, जिसमें 24,140 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी दावे शामिल थे। वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी चोरी क्रमशः 73,238 करोड़ रुपये और 49,384 करोड़ रुपये रही। इसमें क्रमशः 28,022 करोड़ रुपये और 31,233 करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी शामिल है। उन्‍होंने कहा कि इस तरह पिछले पांच वर्षों 2020-21 से 2024-25 में सीजीएसटी के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा 91,370 मामलों में लगभग 7.08 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई। इस दौरान स्वैच्छिक जमा के माध्यम से वसूले गए कर 1.29 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहे।

वित्‍त मंत्री (Finance Minister) ने सदन को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में शुद्ध सीजीएसटी संग्रह संशोधित अनुमान का 96.7 फीसदी था। उन्‍होंने बताया कि शुद्ध सीजीएसटी में सीजीएसटी, एकीकृत जीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर शामिल हैं। पंकज चौधरी ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में वास्तविक संग्रह 10.26 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जबकि संशोधित अनुमान लगभग 10.62 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2023-24 में शुद्ध सीजीएसटी संग्रह 9.57 लाख करोड़ रुपये से अधिक था, जो संशोधित अनुमान 9.56 लाख करोड़ रुपये का 100.1 फीसदी था।