New Delhi : एफएआईएफए की सरकार से सिगरेट तस्करी रोकने के लिए कदम उठाने की मांग

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नयी दिल्ली: (New Delhi) किसान संगठन एफएआईएफए (फैफा) ने सरकार से सिगरेट की तस्करी पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है। संगठन का कहना है कि सिगरेट की तस्करी की वजह से सरकारी खजाने को सालाना 13,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर एसोसिएशन (एफएआईएफए) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट पूर्व प्रस्तुति में सिगरेट की तस्करी के बढ़ते खतरे के बारे में बताते हुए कहा कि इसके परिणामस्वरूप कई परेशानिया हो रही हैं – जैसे कि अपराध के बढ़ने से लेकर सरकार को करों का भारी नुकसान होना आदि।

फैफा ने बयान में कहा कि उनका संघ – गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में वाणिज्यिक फसलों के लाखों किसानों और कृषि श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करता है। फैफा ने सरकार से सिगरेट की तस्करी को रोकने के लिए करों को कम करने पर विचार करने का आग्रह किया।खबरों का हवाला देते हुए इसने कहा कि सरकार सोने पर आयात शुल्क को मौजूदा 18.45 प्रतिशत से घटाकर लगभग 12 प्रतिशत करने की योजना बना रही है ताकि सोने को सस्ता बनाया जा सके और इसकी तस्करी पर अंकुश लगाया जा सके।इसी तरह, सरकार फोन की तस्करी को रोकने के लिए उन्हें सस्ता बनाने के लिए फोन पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को कम करने पर भी विचार कर रही है।

बयान में कहा गया है कि जब सरकार इन विकल्पों पर विचार कर रही है, तो उसे सिगरेट की तस्करी को रोकने के तरीकों पर भी विचार करना चाहिए। फोन की तस्करी के कारण 2,859 करोड़ रुपये के कर का नुकसान होता है और उसकी तुलना में सिगरेट की तस्करी से सालाना 13,331 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होता है।एफएआईएफए के अध्यक्ष जवारे गौड़ा ने कहा कि सिगरेट पर करों में कटौती से न केवल सरकार का कर चोरी से होने वाला भारी नुकसान कम होगा, बल्कि उन लाखों तंबाकू किसानों को भी राहत मिलेगी जो कानूनी रूप से वैध घरेलू उद्योग पर निर्भर हैं।राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021-22 के दौरान 93 करोड़ रुपये मूल्य की 11 करोड़ सिगरेट जब्त की गईं।

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