नई दिल्ली : (New Delhi) केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा कि उद्यमिता, जीवनयापन में आसानी और उनके लिए सम्मान के माध्यम से महिलाओं के सशक्तीकरण ने इन दस वर्षों में गति पकड़ी है।
उन्होंने कहा कि महिला उद्यमियों को तीस करोड़ मुद्रा योजना ऋण दिये गये हैं। दस वर्षों में उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथेमैटिक्स (स्टेम) पाठ्यक्रमों में लड़कियों और महिलाओं का नामांकन 43 प्रतिशत है – जो दुनिया में सबसे अधिक है। ये सभी उपाय कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी में परिलक्षित हो रहे हैं।
उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा कि उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं का सशक्तीकरण, जीवनयापन में आसानी और उनके लिए सम्मान को गति मिली है। महिला उद्यमियों को 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण दिए गए। इसके साथ केन्द्र सरकार ने ‘तीन तलाक’ को अवैध बना दिया और लोकसभा और राज्य विधानमंडल में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों के आरक्षण को पारित कर दिया है।
बजट में उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत 70 प्रतिशत से अधिक घर महिलाओं को एकल या संयुक्त मालिक के रूप में दिए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री का दृढ़ विश्वास है, हमें चार प्रमुख जातियों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। “वे हैं, ‘गरीब’ (गरीब), ‘महिलाएं’ (महिला), ‘युवा’ (युवा) और ‘अन्नदाता’ (किसान)। उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं और उनका कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” उन्होंने कहा, ”जब वे प्रगति करते हैं तो देश प्रगति करता है।” इन चारों को अपने जीवन को बेहतर बनाने की तलाश में सरकारी सहायता की आवश्यकता है और प्राप्त भी होती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनका सशक्तीकरण और कल्याण देश को आगे बढ़ाएगा।