New Delhi : आपातकाल को पाठ्यक्रम में शामिल करने की जरूरत : पूर्व उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू

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नई दिल्ली : (New Delhi) आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर मंगलवार को कांस्टीट्यूशनल क्लब (Constitutional Club) में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (former Vice President Venkaiah Naidu) ने आपातकाल के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा उनके साथ हुए प्रताड़ना से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि “इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा आपातकाल ने देश के लोकतंत्र पर कलंक लगाया।

बतौर मुख्य अतिथि पूर्व उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि सभी छात्रों के लिए पाठ्य पुस्तकों में एक पाठ होना चाहिए कि आपातकाल क्या था और इसे कैसे लगाया गया था?…छात्रों को आपातकाल के बारे में जानना चाहिए”। यह कार्यक्रम पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के नेतृत्व में हुआ। इसमें आपातकाल के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा यातना के शिकार बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली आदि राज्यों के बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी वहां पहुंचे थे। आपातकाल को जयप्रकाश नारायण आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है। आजादी के बाद इसे लोकतंत्र की दूसरी आजादी का भी नाम दिया गया है।

फिल्म अभिनेत्री एवं सांसद कंगना रनौत ने कहा कि आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय है। इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उस समय रक्षक ही भक्षक बन गए थे। कंगना ने अपनी फिल्म इमरजेंसी के बारे में भी सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यह फिल्म कांग्रेस की काली करतूत से अवगत कराएगी। उन्होंने 6 सितंबर को इस फिल्म की रिलीज की भी घोषणा की।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि आपातकाल लगाकर इंदिरा की सरकार ने भारत के संविधान का गला घोंट दिया था। आज उनके परिवार और उनके पार्टी के लोग संविधान दिखाकर झूठ फैलाने का कार्य कर रहे हैं। कांग्रेस ने जो लोकतंत्र के साथ विश्वासघात किया, उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आए लोकतंत्र सेनानियों को पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सम्मानित किया। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर सभी लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन की सुविधा दी जाए। उन्हें उचित सम्मान मिले।

कार्यक्रम को लोकतंत्र सेनानी संगठन के अध्यक्ष कैलाश सोनी ने भी संबोधित किया। उन्होंने आपातकाल के समय की स्थिति से सभी को अवगत कराया। कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे, पूर्व मंत्री बिहार सरकार विक्रम कुंवर, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजय पासवान, कुमार अनुपम, डॉ मनोज मिश्रा आदि ने संबोधित किया।