नई दिल्ली : (New Delhi) दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Isha Foundation founder Sadhguru Jaggi Vasudev) के डीपफेक फोटो के अनाधिकृत इस्तेमाल के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस सौरभ बनर्जी ने सद्गुरु की ओर से पेश दलीलें सुनने के बाद अंतरिम अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई के दौरान सद्गुरु की ओर से पेश वकील साईकृष्णा राजगोपाल (advocate Saikrishna Rajagopal) ने कहा कि काफी सारे प्रोडक्ट सद्गुरु के नाम का इस्तेमाल कर बेचे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई सारे फर्जी वेबसाइट भी सद्गुरु के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने गर्भ यात्रा (On Pregnancy) नामक पुस्तक का जिक्र किया जिसके कवर पर सद्गुरु का फोटो है। इस फोटो के इस्तेमाल के लिए सद्गुरु से कोई अनुमति नहीं ली गई है। इस तरह सद्गुरु के नाम का दुरुपयोग कर लोगों को ठगा जा रहा है। सद्गुरु के वकील ने कहा कि उनके व्यक्तित्व के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान गूगल की ओर से पेश वकील ने हाई कोर्ट से कहा कि पीड़ित पक्षकारों को उन वेब लिंक की जानकारी साझा करनी होगी तभी गूगल कोई कार्रवाई कर सकेगा। मार्च में दिल्ली हाई कोर्ट ने यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह (Delhi High Court had banned YouTuber Shyama Mira Singh) द्वारा सद्गुरु जग्गी वासुदेव के खिलाफ कथित मानहानि वाले वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पोस्ट करने पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने श्याम मीरा सिंह द्वारा ईशा फाउंडेशन के खिलाफ पोस्ट किए गए ट्वीट और वीडियो को डिलीट करने का भी निर्देश दिया था।



