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New Delhi : कैट का दावा- धनतेरस पर 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का हुआ व्यापार

  • धनतेरस पर बरसा धन, देश में 30 हजार करोड़ रुपये का सोना-चांदी बिका

नई दिल्ली : देशभर में धनतेरस का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। दीपों का त्योहार दिवाली के लिए आज से पंचदिवसीय दीप महोत्सव शुरू हुआ है। दिल्ली एनसीआर में सुबह से बारिश हो रही है लेकिन इसका असर खरीदारी करने वालों पर नहीं दिख रहा है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का कहना है कि देशभर में 50 हजार करोड़ रुपये से ज़्यादा का व्यापार हुआ जिसमें 30 हजार करोड़ रुपये का व्यापार तो सिर्फ सोना और चांदी का हुआ है।

कारोबारी संगठन कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने शुक्रवार को कहा कि देशभर में 50 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा का व्यापार हुआ। खंडेलवाल ने कहा कि अकेले दिल्ली में ही 5 हजार करोड़ रुपये के व्यापार हुआ है। उन्होंने कहा कि आज गणेश जी, लक्ष्मी जी और कुबेर जी की मूर्तियां अथवा चित्रों को ख़रीदा जाता है। वहीं, आज के दिन वाहन, सोने चांदी के ज़ेवर, बर्तन, रसोई के उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं सहित झाड़ू ख़रीदने को भी शुभ माना जाता है। इसके अलावा दिवाली में दिए का प्रकाश करने हेतु मिट्टी के दीए, बंदनवार, घर एवं ऑफिस को सजाने की वस्तुओं, फ़र्निशिंग फैब्रिक, दिवाली पूजन सामग्री भी खूब बिक रहे हैं।

ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि आज सोने-चांदी की कुल बिक्री लगभग 30 हजार करोड़ रुपये की रही। इसमें सोने का हिस्सा 27 हजार करोड़ रुपये का रहा, जबकि चांदी का हिस्सा करीब 3000 करोड़ रुपये का रहा है। पिछले साल धनतेरस पर यह कारोबार करीब 25 हज़ार करोड़ रुपये का रहा था। गत वर्ष सोने के दाम 52000 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जबकि इस बार यह 62,000 प्रति 10 ग्राम है। दूसरी ओर चांदी पिछली दीवाली 58,000 भाव से बिकी थी और अब 72,000 रुपये प्रति किलो के दाम हैं। एक अनुमान के अनुसार आज धनतेरस पर देश मे लगभग 41 टन सोना और तकरीबन 400 टन चांदी के गहने ओर सिक्के की बिक्री हुई।

दीपोत्सव का यह त्योहार पांच दिनों तक चलेगा। धनतेरस के साथ आज इसकी शुरुआत हुई है। धनतेरस को धनत्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं। दिवाली त्योहार का यह पहला दिन होता है। इस दिन लोग देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर, भगवान गणेश और भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं। इस दिन दीपदान भी किया जाता है। शनिवार को रूप चतुर्दशी है, 12 नवंबर को दिपावली, 13 नवंबर को गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट तथा 15 नवंबर को भैया दूज का त्योहार मनाया जाएगा। उसके बाद छठ का त्योहार आ जाएगा, जो अगले सोमवार को संपन्न होगा।

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